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Saturday, November 29

ऐसा था hotel Taj !

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58 घंटे तक शर्मनाक और दरिंदगी भरी आतंककारी गतिविधियों को अपने सीने पर झेलने वाले होटल ताज के आंसू भी आम देशवासी की तरह ही नहीं थम रहे हैं। भले ही उसे आतंककारियों से मुक्त करा लिया गया हो, लेकिन वह अब भी खून के आंसू रो रहा है। आज सुबह टेलीविजन पर जब उसके ग्राउंड और फर्स्ट फ्लोर की नौ-दस खिड़कियों से आग की लपटें उठती देखीं तो कौतुहल जगा कि आखिर यह होटल अंदर से कैसा दिखता होगा। इंटरनेट पर खंगाला को होटल ताज की वेबसाइट पर इसके वर्चुअल टुअर (वीडियो) की सुविधा दिखी।

वीडियो देखा तो लगा कि मैं इस होटल के अंदर ही खड़ा हूं। आप भी देखिए कि यह होटल अंदर से कैसा दिखता था (पता नहीं अभी कैसा होगा??), इस उम्मीद के साथ कि यह होटल जल्द ही अपनी पुरानी शान पा लेगा और दुनिया को दिखा देगा कि लाख चाहकर भी आतंककारी इसका सिर एक इंच भी नहीं झुका पाए हैं।

ताज होटल की शान का वीडियो देखने के लिए यहां क्लिक करें-

virtual tour of Taj

यहां पर आप इस होटल के रेस्टोरेंट, बार, सुइट, रूम्स, बाथरूम आदि सभी सुविधाओं को देख सकते हैं।

काश पिछले 59 घंटों को हिंदुस्तान के इतिहास से मिटा दिया जा सकता!!!!!

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12 comments:

  1. सही कह रहे हैं आप।

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  2. अब तो हर ताज से लेकर सरताज तक दरिंदगी का शिकार होगा।

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  3. इन दृश्यों को देखकर मेरी आह निकल रही है है . बुरा हो आतंकियों का .
    पर ताज , वाह ताज

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  4. शुक्रिया इन दृश्यों को बताने के लिये।

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  5. Kaash ki hum 59 hrs ko hindustaan ke itihaas se mita pate aur apne shaheedo ko aur un masoomo ko wapas le aate jo bina kasur humse dur ho gaye...

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  6. achchha lekha hai par aap pareshan n ho taaj to khada hoga hi, jarur hoga

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  7. ताज के मिट चुके गौरव की याद दिलाने के लिए धन्यवाद

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  8. बहूत अच्छा इस सब के लिए नेता जिम्मेदार है इनको सबक सिखाना चाहिए

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  9. काश पिछले 59 घंटों को हिंदुस्तान के इतिहास से मिटा दिया जा सकता-bilkul sahi kaha aapne--kaash aisa ho paata.

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  10. Bhai Ashishji,
    Mere blog par aane aur meree kavita padhane ke liye bahoot bahoot dhnyavad.Vaise mujhe lagta hai ki hindi kee seva,hindi men blog likhne valon se kaheen adhik vo log kar rahe hain jo hindi ke bloggers ko takneeke salah,sevayen,tools,uplabdh kara rahe hain.Aur is drishti se ap bhee bahut achcha kam kar rahe hain.Mere blog ka anusharan karne ke liye
    punah shukriya.
    subhkamnaon ke sath.
    Hemant Kumar

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  11. पाँच छे बार मौका मिला था ताज जाने का लेकिन ओबेरॉय और हयात में जा कर इसे गवां दिया ये सोच कर की अगली बार चलेंगे...अगली बार आयी ही नहीं...अब ताज में जो भी होगा पहले जैसा तो नहीं ही होगा...बुरा हो इन आतंक वादियों का...
    नीरज

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  12. L/Nk DEVINDER SINGH5:16 PM GMT+5:30

    main to saina me ek mamuli se ohde par hun to itni haisiat to hamari hai nahi ke vahan aa kar dekh saku par TV par jo bhee dekha use dekh kar sayad koi bhi jo apni maa ka asli puut hoga uska to agar asli khoon hoga to ye hi kahega Jehad ka naam le kar insaniat ka khoon karne valo aur mere pyare HINDUSTAN ki kisi bhi dharohar par najar rakhne vaale moka mila agar is Devinder Singh se agar milne ka to tumhari hasti he mita dunga chahe jaan hi jaye par dubara aisa na soch bhi sako kuch is tarha.

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