किसी साधारण सी पोस्ट पर 50 से ज्यादा टिप्पणियां (असाधारण लेखन वाले वरिष्ठ ब्लॉगर साथियों की बात यहां नहीं की जा रही है)। ऐसा करिश्मा आप भी हिन्दी ब्लॉग जगत में अक्सर देखते ही होंगे। यह कैसे? क्या वे किसी 'टिप्पणी लिक्खाड़' एजेंसी के सदस्य है? क्या वे टिप्पणियों के बदले कोई अनूठी पेशकश करते हैं? फिर ऐसा क्या है जो आम ब्लॉगर टिप्पणियों की संख्या दहाई तक भी नहीं पहुंचा पाता और इन साथियों का 'टिप्पणी मीटर' है कि रुकने का नाम ही नहीं लेता। टिप्पणियां न पाने वाले साथियों का दुखड़ा सुनकर थोड़ी सी पड़ताल की गई है। पड़ताल के रोचक नतीजों को यहां ज्यादा टिप्पणियां पाने के शीर्ष 10 नुस्खों के रूप में प्रकाशित किया जा रहा है।
1. जी भर के टिपियाइए
यह तो आधारभूत नियम है- जैसा करोगे वैसा भरोगे। आप खुद तो टिप्पणियां करते नहीं और चाहते हैं कि दूसरे लोग आपकी पोस्ट पर अपना की-बोर्ड कूटे। ऐसा भी कभी हो सकता है भला। आप ज्यादा टिप्पणियां पाने वाले सभी ब्लॉगर साथियों को देखें। वे दूसरे ब्लॉग्स के शीर्ष टिप्पणीकार सूची में सबसे आगे होंगे। और कुछ नहीं सूझता तो कुछ नमूने की संक्षिप्त टिप्पणियां यहां सुझाई जा रही हैं- 'बहुत खूब', 'बहुत बढिया..... ', 'बहुत सुंदर', 'जानकारी देने का बहुत बहुत धन्यवाद' आदि आदि। एक बार आप टिप्पणियां करने लगे तो कुछ ही दिन में केवल पोस्ट का शीर्षक देखकर ही पोस्टसम्मत टिप्पणी करने का हुनर सीख जाएंगे।
2.'चौधरी' या 'पटेल' बन जाइए
मैं जात-पात की बात नहीं कर रहा हूं। मैं तो 'ब्लॉग जागीरदारी' की बात कर रहा हूं। आप अपने ब्लॉग पर ऐसी सुविधा शुरू कर दीजिए, जो दूसरे ब्लॉग्स की अच्छी-बुरी पोस्ट की समीक्षा करे। फलां पोस्ट में फलां चीज अच्छी थी और फलां जी ने फलां मुद्दे पर फलां बात सार्थक लिखी। या किसी ब्लॉग-मंच से जुड़ जाइए। एक बार आप जागीरदारों की जमात में शामिल हो गए तो फिर देखिए। लोग आपको खुश करने के लिए आपके निजी ब्लॉग पर टिप्पणियों के रूप में क्या-क्या नहीं लिखते। ब्लॉग संसार में जीना है तो जागीरदार को तो खुश रखना ही पड़ेगा न।
3. मास्टरजी की तरह अंक बांटिए
टिप्पणी पाने का यह तरीका भी बहुत लोकप्रिय है। आप अपने ब्लॉग पर किसी भी तरह की पहेली या दिमागी कसरत की कार्यवाही शुरू कर दीजिए। पहेली का सही जवाब बताने के अंक बांटिए। फिर देखिए टिप्पणियों की झमाझम। खुद को विजेता देखने का शौक किसे नहीं होता। साथ ही जो पाठक सही जवाब नहीं देंगे वे भी किसी न किसी तरह से पहेली मास्टरजी का ध्यान आकर्षित करने के लिए टिप्पणियां करेंगे। आपकी टिप्पणियों की संख्या बढ़ती जाएगी।
4. विवाद को जन्म दीजिए
यह तरीका तभी अपनाइए, जब ऊपर वाले तीनों तरीके आपके लिए ज्यादा कारगर साबित न हो। अब ब्लॉग जगत का ध्यान बंटाने के लिए आप विवाद को जन्म दीजिए। किसी भी लोकप्रिय ब्लॉग पर जाइए और वहां प्रकाशित किसी बात या टिप्पणी को तूल तूल देते हुए अपने ब्लॉग पर एक पोस्ट लिखिए। तिल का ताड़ बना दीजिए। फिर देखिए, उस लोकप्रिय ब्लॉगर का विरोधी खेमा किस तरह से आपके ब्लॉग पर आपके समर्थन में जुटता है। वैसे यह काम दो ब्लॉगर आपसी समझ-बूझ से एक-दूसरे पर छींटाकशी से भी कर सकते हैं, क्योंकि इसका फायदा तो दोनों को ही होने वाला है।
5. पंगे लेना शुरू कीजिए
यह विवाद की दूसरी सीढ़ी है। इसमें आप सीधे ही लिख दीजिए कि फलां जी की यह बात मुझे पसंद नहीं आई। मैं इसका जवाब दे सकता था, लेकिन दे नहीं रहा हूं। इससे आप पंगेबाज बन जाएंगे और जिनसे आप पंगा ले रहे हैं, वे बदले की कार्यवाही करेंगे तो भी फायदा आपको ही होगा। आपकी टिप्पणियों की संख्या लगातार बढ़ती जाएगी। और जब आपका मकसद कामयाब हो जाए, बड़ी विनम्रता के साथ उनसे माफी मांग लीजिए। सुलह की साजिश पर भी एक पोस्ट लिख दीजिए और टिप्पणियां कमाते रहिए।
6. 'खास' शब्दों का सहारा लीजिए
अब ये 'खास' शब्द कौनसे हैं? अमा यार इतने भोले भी मत बनो। इस बात से तो आप सहमत ही होंगे कि जब भी आप ब्लॉगवाणी या चिट्ठाजगत पर पोस्ट का भंडार देख रहे होते हैं तो कई बार किसी पोस्ट के किसी 'खास' शब्द पर आपकी निगाह पड़ती है तो आप तपाक से उस पोस्ट को खोल लेते हैं। उसके बाद उसे एक सांस में पूरी पढ़ जाते हैं। और अंत में जिज्ञासा शांत नहीं होने पर टिप्पणी कर ही देते हैं। आप भी तो इस हथियार का इस्तेमाल कर सकते हैं।
7. खास चित्रों का सहारा लीजिए
अगर आप खास चित्रों को भी 'खास' शब्दों के संदर्भ में देख रहे हैं तो आप गलत हैं। यहां बात उन चित्रों की नहीं हो रही है। क्योंकि अगर आपने वैसे चित्र अपने ब्लॉग पर टांग दिए तो कोई आपके ब्लॉग की छवि तो खराब होगी ही, साथ ही पाठक भी कम हो जाएंगे। ये खास चित्र हैं, ऐसे चित्र जो अजीबोगरीब हों। या तो असामान्य हों या फिर समझ ही नहीं आएं। लोग उन चित्रों के कौतूहल को लेकर भी टिप्पणी करेंगे।
8. पर्सनल मेल भेजकर टिप्पणी का अनुरोध कीजिए
मार्केटिंग का जमाना है। पोस्ट की मार्केटिंग भी तो जरूरी है। कमेंट ज्यादा मिलें, इसके लिए सबसे पहले धुरंधर और अनुभवी टिप्पणीकारों के ई-मेल पते जुगाड़िए। यह काम ज्यादा मुश्किल नहीं है। आपको मुश्किल लगता है तो मुझसे ले लीजिएगा। पूरी सूची तैयार है। सभी को एक मेल भेजिए- फलां शीर्षक पर पोस्ट लिखी है। आपके दर्शन को तरस रही है। कृपया टिप्पणी कर इसे धन्य कीजिए। भाषा को आप जितनी रोचक बनाएंगे, कमेंट मिलने की संभावना उतनी ही बढ़ती जाएगी।
9. 'इमोशनल अत्याचार' कीजिए
अब अपने हथियार की धार बदल दीजिए। टिप्पणियों की संख्या को फिर से बूस्टर डोज देने के लिए आप इमोशनल अत्याचार का सहारा लीजिए। नहीं समझे। एक दिन अचानक लिख दीजिए कि अब मैं ब्लॉगिंग छोड़ रहा हूं। यह मेरी आखिरी पोस्ट है। उसके बाद पाठक टिप्पणियां कर आपको मनाने की औपचारिकता निभाएंगे। अगले दिन आप मान जाइए। आपकी टिप्पणियां जरूर बढेंगी।
10. 'अपोजिट जेंडर' का खास ख्याल रखिए
यह सबसे अहम मसला है। और टिप्पणियां कमाने का सबसे महत्वपूर्ण तरीका। आप किसी अपोजिट जेंडर के ब्लॉग पर टिप्पणी करते वक्त थोड़ा सा पर्सनल और सॉफ्ट हो जाइए। फिर देखिए। बदले में आपको किस तरह धड़ाधड़ टिप्पणियां मिलती हैं। कविता लिखी तो भी वाह-वाह.. लेख लिखा तो बल्ले-बल्ले।
क्या आपको यह लेख पसंद आया? अगर हां, तो ...इस ब्लॉग के प्रशंसक बनिए ना !!
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व्यंग ही लिखा है ना. सच तो नहीं लिख दिया.
ReplyDeleteअब आप देखना पचास लोग आयेंगे
ReplyDeleteकुछ बहुत खूब, बढ़िया, सुन्दर बतायेंगे
कुछ कुढ़-कुढ़ कर भी थैंक्यू कह जायेंगे
"दस नहीं बीस दो नुस्खे", कह जायेंगे .
जबर्दस्त अध्ययन है आपका मगर ये तो सब बासी हो चुके कोई फडकता नया आईडिया दीजिये ना !
ReplyDeleteबड़ी उपयोगी जानकारी दी है जी भविष्य में काम आवेगी .
ReplyDeletebhai likha to ek dam solah aane hai, aajmaish ki jaayegi.
ReplyDeleteबढ़िया व्यंग के रूप में बहुत बेहतरीन पॉइंट्स बताये आपने ..अजमा के देखने में कोई हर्ज़ नहीं :) शुक्रिया आशीष जी
ReplyDeleteअन्दर कि बात बाहर आ गयी है । लगता है अब आपके ब्लोग पर भी टिप्पणी देना बन्द करना पडेगा ।
ReplyDeleteहमने भी कभी लेख लिखा था इसी मुद्दे पर .वैसे इसमे से तीन चार तरीको में आप भी शामिल है .बाकी तो सब जानते ही है .राम राम
ReplyDeleteवाह बहुत बढ़िया जानकारी दी है ! आजमा कर क्या देखना ? इन पर तो अमल करना ही शुरू कर देते है !
ReplyDeleteउंहु,यह व्यंग्य नहीं, ब्लॉग आलोचना की श्रेणी में आने वाली रचना है, समीक्षा के साथ. इस होली पर सर्वश्रेष्ठ 'ब्लॉग टीकाकार' के खिताब से आपको ही नवाजा जाना चाहिए.
ReplyDeleteआपका शोध सटीक है। धन्यवाद!
ReplyDeleteआपकी पोस्ट का अनुसरण करते हुये इतणी ही टीपणि करेंगे "बहुत बढिया"
ReplyDeleteरामराम.
आप महान शोधी हैं. इसमें व्यंग्य जैसा क्या है-सब सही सही तो लिख दिया. वैसे आज की दुनिया में सत्य कहना भी व्यंग्य ही है. :) सही जा रहे हो, शुभकामनाऐं.
ReplyDelete2, 3, 8, 10 से पूरी तरह सहमत, बहुत हिम्मत जुटा के यह व्यंग लिखे हो, अशीष भाई! बधाई!
ReplyDelete---
गुलाबी कोंपलें
ये भी सब टिप्स ही तो दी हैं इस व्यंग्य के बहाने...
ReplyDeleteबढ़िया लिखा हैं आशीष जी ,काफी मेहनत से शोध कार्य किया हैं आपने ,पढ़कर मजा आया आपकी पोस्ट ,बधाई
ReplyDeleteaapke dwara likhit lekh pada .bahut achchhaa laga ham bhi koshis karenge shayad hamare garib jaise vyakti ko bhi tippadiyaan mil jaayen
ReplyDeleteनुस्खे बताने वाली (अथवा रिसर्च टाइप) पोस्ट लिखें. जैसे - टिप्पणी पाने के १३ तरीके, ब्लॉग को सुंदर बनाने के २० गुर, 18 प्रकार के ब्लोगर इत्यादि.
ReplyDeleteऔर देखिये की इसी पोस्ट की तरह आपके ब्लॉग पर भी कैसे टिप्पणियाँ गिरती हैं.
नम्बर ८ वाला नुस्खा चलता नहीं - स्पैम में डाले जाने का खतरा होता है।
ReplyDeleteहमारा नाम महान लोगो की सूची मे डालकर हमे टिपियाने पर विवश करदेने वाला इमोशनल अत्याचार मत कीजीये जी हम पर :) वैसे हम जब लिखते है तो टिप्पणिया नही आती मेल आती है . इसलिये किसी को टिप्पणियो के लिये पंगेबाज मत बनाईये . पंगेबाज टिप्पणियो के लिये नही जाना जाता लोग हम से पंगे लेने से पहले सोचे इसलिये जाना जाता है :)
ReplyDeleteमैंने गूगल में सही तरीके से मेटा टैग कॉपी कर दिया है -और सफल हुआ -धन्यवाद लेकिन बाद में याहू का मेटा टैग कापी किया तो अच् टी ऍम अल में जो संदेश आया वो निम्न प्रकार है - क्या करना चाहिए -कृपया सुझाव दे -XML त्रुटि संदेश: The element type "META" must be terminated by the matching end-tag "".
ReplyDeleteपंगेबाज उपाधि पर आपका एकाधिकार नही है पंगेबाज भाई बाकियों को भी मौका दें न
ReplyDeleteअभी देखना -
ReplyDeleteकुछ ही देर में इन टिप्पणियों की संख्या 33 हो जाएगी।
पहला नुस्खा : बहुत सुंदर।
ReplyDeleteदूसरा नुस्खा : अच्छा है।
ReplyDeleteतीसरा नुस्खा : उत्तम।
ReplyDeleteचौथा नुस्खा : सबसे अच्छा है।
ReplyDeleteपांचवां नुस्खा : यहह भी अच्छा है।
ReplyDeleteछठा नुस्खा : ठीक है।
ReplyDeleteसातवां नुस्खा : यह भी ठीक है।
ReplyDeleteआठवां नुस्खा : बहुत ख़ूब।
ReplyDeleteनौवां नुस्खा : बहुत अच्छा है।
ReplyDeleteदसवां नुस्खा : अति उत्तम।
ReplyDeleteसंशोधन -
ReplyDeleteपांचवां नुस्खा : यहह भी अच्छा है।
को कृपया अब इस प्रकार पढ़ें -
पांचवां नुस्खा : यह भी अच्छा है।
माफ कीजिएगा, ऊपर एक त्रुटि हो गई थी।
एक और संशोधन -
ReplyDeleteअभी देखना -
कुछ ही देर में इन टिप्पणियों की संख्या 33 हो जाएगी।
कृपया संख्या 36 पढ़ें।
धन्यवाद।
सच को व्यंग कहने का ये तरीका पसंद आया।
ReplyDeleteआशा है -
ReplyDeleteआप सबने मुझे क्षमा कर दिया होगा।
अनिल जी ने एक संशोधन और करवा दिया -
ReplyDeleteअभी देखना -
कुछ ही देर में इन टिप्पणियों की संख्या 33 हो जाएगी।
कृपया संख्या 36 पढ़ें।
धन्यवाद।
कृपया संख्या 36 के स्थान पर 38 पढ़ें।
पुन: धन्यवाद।
अच्छा बताइये, इन नुस्खों के सफल होने की मियाद कितनी है?
ReplyDeleteमित्रों, नुस्खे आजमाने के पहले थोड़ा चिंतन "बगल प्रभावों" के बारे में भी कर लेना http://arkjesh.blogspot.com/
ReplyDeletehappy blogging.
wah wah kya baat hai kitna badhiya likha hai aapne
ReplyDelete(apka formula aap par hi try kar raha hu aasis ji)
bahut khub
ReplyDeleteha ha ha
बहुत सुन्दर,बहुत सुन्दर,बहुत सुन्दर,बहुत सुन्दर,बहुत सुन्दर,बहुत सुन्दर,बहुत सुन्दर,बहुत सुन्दर
ReplyDeleteदोस्त अब तो मेरे बलॉग प आ ही जाना और मेरे जैसी टिप्प्णी मत देना
समझे
बहुत खूब।
ReplyDeletesahi hai guru !!
ReplyDeleteआशीष जी, आपके ब्लॉग से न जाने कितने ब्लोगर अपनी मुश्किलें हल करते हैं लेकिन वे आपकी पोस्ट पर कोई टिप्पणी नही करते उनमे से मैं भी एक हूँ . टिप्पणी करना कोई श्रमसाध्य कार्य नही है किंतु हम अक्सर अपनी प्राथमिकताओं से बाहर नही आ पाते. आपकी ऐसी कोई पोस्ट अब तक नहीं दिखाई दी जो अनुपयोगी हो. बात आपने भले ही व्यंग के बहाने कही हो पर इसमे कोई दो राय नही कि ऐसा ही हो रहा है.अब तक आपके ब्लॉग पर आए सभी टिप्पणीकार निसंदेह समर्पित ब्लोगर हैं लेकिन सार्थक लेखन के अभाव में पुस्तकों से उद्धरण, किसी अन्य की कवितायें, विषयांतर और सबसे अहम् प्रश्न कि ब्लोगिंग क्यों की जाए का उत्तर ना मिलने पर एक ब्लोगर को रोमांच आपके सुझाये रास्तों से ही मिलता है आप यकीन मानिये आपकी इस पोस्ट पर टिप्पणी करने वाले भी शर्म से खिसिया से गए हैं उनके शब्दों को जरा फ़िर से पढ़ें और बार बार पढ़ें , टिप्पणियों के मोह में कई ब्लोगर जिन विषयों को लेकर आए थे वे उन विषयों को छोड़ कर तकनीकी सलाहकार बन बैठे है इस उम्मीद में कि यहाँ ज्यादा टिप्पणियां मिलती है. खैर जाने दीजिये, मेरे मन ने मुझे धिक्कारा कि इतना फायदा उठाने के बाद आज तक आशीष के ब्लॉग पर एक भी टिप्पणी नहीं की , कृपया मुझे क्षमा करें और मेरी बधाई स्वीकार करें आपका ब्लॉग बहुत उपयोगी है और आप इसी तरह मार्गदर्शन करते रहे.
ReplyDeleteBahut Gyan vardhak satire hai !
ReplyDeleteInternet pe jo ho jaye vo thoda hi thoda !
महोदय, मान्यवर, आपकी हाज़िर जवाबी का जवाब नही, हमारा भी ब्लॉग देख कर कुछ टिपण्णी कीजिये न.
ReplyDeleteहमारा ब्लॉग है http://www.prabhashnirbhay.blogspot.com aur http://www.at-the-redlight.com आईयेगा जरूर
बधाई.. ये हुई नं. ४९... मेरा धन्यवाद कर दो.. हो जायेगी ५०:)
ReplyDelete50 वीं टिप्पणी मैं पूरी कर दे रही हूं.....बहुत बहुत बधाई ब्लागअडडा में सममान प्राप्त करने के लिए...
ReplyDeleteभाई श्री आशीष
ReplyDeleteप्रणाम हिन्दी ब्लॉग टिप्स का मैं एक फैन हूँ इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है। आप जो काम कर रहे हैं उसकी सराहना कौन नहीं कर रहा। मुझे आपका मेल मिला था टैगी ट्यूज़डे से संबंधित। मुझे इस बात से हैरानी हुई कि पचास टिपपणीयों की सलाह देने वाला पोस्ट पचास टिपपणियों तक नहीं पहुँचा है। भाई इसी को देखने ब्लॉग पर पहुँच गया। लेकिन तब तक शायद पचास का आँकड़ा पार था। भाई, मुझ जैसे कितने ही लोग हैं जो आपकी टिप्स को प्रयोग करते हैं और शायद मेरी तरह टिपपणी देने से परहेज़ करते हैं। आज आपकी चिंता से मुझे शर्मिंदगी हुई कि हम आपसे इतना कुछ सीखते हैं लेकिन आपका आभार तक भी हम नहीं जताते हैं। आज के बात आपकी हर पोस्ट पर मैं तो तुरंत आकर अपनी राय दूँगा और अन्य मित्रों से भी मेरा आग्रह रहेगा कि वो भी ज़रूर अपना मत दें ताकि ऐसी बढिया जानकारी देने वाले ब्लॉग को प्रोत्साहन मिलता रहे। मुझे आपसे कुछ आग्रह भी करना है वो में मेल से करूँगा और मुझे विश्वास है आप मेरे आग्रह पर भी गौर करेंगे। आपके सभी पोस्टें सराहनीय हैं और आप यकीन करिये कि आपकी इस पोस्ट को सैंकड़ों लोगों ने पढ़ा है और सभी ने इस पोस्ट का अनुसरण करके कमैंट पाने के नुस्ख़े भी आज़माएं होंगे, ये बात अलग है कि आपको टिप्पणी देने का समय मेरी तरह सभी के पास नहीं जुट पाया होगा, लानत है।
सादर
आपका भाई ही
प्रकाश बादल!
51 तो मिल गये, लीजिये अगली टिप्पणी भी ले लीजिये.
ReplyDeleteआप ने हास्य के पुट में जो कुछ लिखा है उस में काफी कुछ सच्चाईयां भी छुपी हुई हैं.
सस्नेह -- शास्त्री
-- हर वैचारिक क्राति की नीव है लेखन, विचारों का आदानप्रदान, एवं सोचने के लिये प्रोत्साहन. हिन्दीजगत में एक सकारात्मक वैचारिक क्राति की जरूरत है.
महज 10 साल में हिन्दी चिट्ठे यह कार्य कर सकते हैं. अत: नियमित रूप से लिखते रहें, एवं टिपिया कर साथियों को प्रोत्साहित करते रहें. (सारथी: http://www.Sarathi.info)
yaa fir aisa ek blog post likhiye aur dekhiye aapke pass 50 nahi us se bhi kahii jyada comments aajayenge!
ReplyDeleteक्या स्वांत: सुखाय: लिखने का प्रचलन समाप्त हो गया है ??
ReplyDeleteया फिर SMS वोट कि संख्या एवं TRP रेटिंग बेहतरी के मानदंड बन गए हैं।
main badal ji, kishore ji adi ki baat se poorntya sehmat hoon, main bhi kshama prarthi hoon maini bhi apke blog se bahut kuch seekha hai par comment ek baar bhi nahi kiya, socha apke comment ka ardh shatak(*50) poora kar doon par....
ReplyDeletekoi aisa pehle hi kar chuka...
:(
iske liye bhi kshama karein....
-----------lekin ek baat zaaror hai app likhte bahut gyanvardhak hain ! sabhi prakar ke blog gyan hetu dhanvyaaad.-------------
आपके इस ब्लॉग से बहुत उपयोगी जानकारि्यां बहुत मनोरंजक अंदाज़ में पाकर तबीयत ग्लैड हो जाती है। आभार !
ReplyDeleteसुशान्त सिंहल
www.sushantsinghal.blogspot.com
hi sir ji aap ke tips bhut hi acche hai mera blog bhi visit kijeyega ... http://helpforlove.blogspot.com
ReplyDeleteआपके द्वारा दिए गए तमाम लेखों ने हमारे सारे ब्लोग्स को हमेशा ही लाभ पहुंचाया है.
ReplyDeleteआपका बार बार धन्यवाद !
गुरु देव ! हमें यह भी बताये की आपकी तरह हमें मतलब हमारे ब्लॉग पर कोई हिंदी मैं कैसे टिपनी दे सकते हैं ?
ReplyDelete