ब्लॉगर ने दसवीं वर्षगांठ के सिलसिले में जारी किए जाने वाले तोहफों में एक और विजेट की जानकारी दी है। ब्लॉगर के आधिकारिक ब्लॉग पर इस पोस्ट से पता चला कि एक ऐसा नया विजेट आया है, जो आपके ब्लॉग के जरिए सच्ची चैरिटी करता है। मुझे आइडिया अच्छा लगा, क्योंकि जब हिन्दी चिट्ठों से कमाई नहीं हो रही, तो कम से कम चैरिटी ही की जाए। चैरिटी भी ऐसी कि आपको या पाठक को अपनी जेब से कुछ नहीं देना पड़े।
यह चैरिटी है सोशलवाइब नेटवर्क के जरिए। पाठक को बस इस विजेट पर दिखाए जाने वाले वीडियो या अन्य सामग्री की रेटिंग करनी है। और इसके बदले यह नेटवर्क उस वीडियो मालिक से रकम लेकर आपकी पसंद के चैरिटी संस्थान को दे देता है। आपको तुरंत यह भी पता चल जाता है कि आपके पाठकों ने कितनी चैरिटी की है। आप जब चाहें अपना सोशल कॉज और चेरिटी दाता को बदल सकते हैं।
मैं इस तरह की चैरिटी से इस वजह से निराश हुआ, क्योंकि जब मैंने इस विजेट को इस टेस्ट ब्लॉग पर लगाकर आजमाया तो वहां मुझे एक चैरिटी करने के बदले एक वीडियो दिखाए जाने की पेशकश हुई। जब मैंने इस वीडियो को खोला तो वहां बिकनी में एक मॉडल दिखाई गई थी। मैंने जैसे-तैसे इस असभ्य वीडियो को रेट किया और अपने विजेट में देखा तो पता चला कि मैंने ज़रूरतमंद बच्चों के लिए 75 मिनट पढ़ाई का पैसा दान में दे दिया है।
ऐसा नहीं है कि इस विजेट के सभी वीडियो इसी तरह के हैं। आप चाहें तो इस विजेट को अपने ब्लॉग पर लगा सकते हैं। इसे लगाने का तरीका- (विजेट का डेमो यहां है)
1. डैशबोर्ड पर लेआउट का विकल्प चुनिए।
2. एड ए गैजेट पर क्लिक कीजिए।
3. नीचे तस्वीर में दिखाए अनुसार Add your own पर क्लिक कीजिए।
4. यहां खुलने वाली विंडो में यूआरएल के रूप में
http://www.socialvibe.com/s/blogger/gadget
भर दें।
5. विजेट के विकल्प सैट करने के बाद इसे सेव कर दें।
इस तरह यह विजेट आपके ब्लॉग पर लग जाएगा।
अगर आपको यह विजेट पसंद आता है तो इसे ब्लॉग पर लगाइए और चैरिटी कीजिए.. हैपी ब्लॉगिंग.
क्या आपको यह लेख पसंद आया? अगर हां, तो ...इस ब्लॉग के प्रशंसक बनिए ना !!
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Thursday, September 3
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ब्लॉग पर यह कैसी चैरिटी??
About Ashish Khandelwal
वर्ष 2003 से विज्ञान एवं तकनीकी विषयों पर लेखन। देश के प्रतिष्ठित समाचार पत्र—पत्रिकाओं में तीन हजार से अधिक आलेख प्रकाशित। 'राजस्थान पत्रिका' में पिछले नौ वर्ष से साप्ताहिक कॉलम 'टेक गुरु' का प्रकाशन। डिजिटल और सोशल मीडिया विशेषज्ञ। सम्पर्क करें: com.ashish@gmail.com
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यह तो अच्छी जानकारी हुई.....पर क्या इस चैरिटी का फायदा अपने देश के लोगो के लिये नहीं हो सकता.
ReplyDeleteचैरिटी का यह तरीका तो बेहतर है ।
ReplyDeleteजानकारी का शुक्रिया ।
चैरिटेबल मूड ही सही । बेहतर ।
ReplyDeleteजानकारी के लिए आभार....
ReplyDeleteregards
जन्म दिन मुबारक हो । आप हजारो साल इसी प्रकार हिन्दी ब्लोगिंग की सेवा करते रहे यही कामना करता हू ।
ReplyDeleteअच्छी लगी यह जानकारी जी शुक्रिया
ReplyDeleteये मामला कुछ अलग है।
ReplyDelete( Treasurer-S. T. )
बढिया जानकारी मिली जी.
ReplyDeleteरामराम.
आशीष भाई है तो बहुत अच्छी चीज लेकिन ऐसे वीडियो अपने ब्लॉग पर लगाने की हिम्मत नहीं होती, बहुत नजदीकी लोगो पढ़ते हैं...
ReplyDeleteआपने यह जानकारी हमें दी उसके लिए आपका आभार..
मीत
जानकारी के लिये शुक्रिया
ReplyDeleteसही जानकारी के लिये धन्यवाद
ReplyDeleteवाह...!
ReplyDeleteआपकी पोस्ट से एक और नई जानकारी मिली।
आभार!
जानकारी नयी है और अच्छी भी...चैरिटी का नया तरीका पता चला.
ReplyDeleteविजेट के द्वारा अपने साईट को लिंक करने के खतरे भी बताएं
ReplyDelete
ReplyDeleteमैंनें देखा और परखा है, जी !
बकवास है, गूगल अनन्त गूगल कथा अनन्ता
jaankari mili..shukriya..
ReplyDeleteaap ko Janamdin bahut bahut mubarak ho!
जानकारी अच्छी है ...किसी ब्लॉग पर यह विजेट देखा भी था मगर ..विडियो दर्शनीय नहीं था .. कितना अच्छा होता अगर इस तरह का बिलकुल देसी चैरिटी विजेट आप बना सकते अथवा उपलब्ध करा सकते ...जो सैनिक कल्याण , बालिका शिक्षा , गरीब बच्चों की शिक्षा और भोजन के लिए चैरिटी प्राप्त करता हो ...ऑरकुट पर इस तरह का एक application मौजूद है "donate 2 seconds"..मगर शायद यह भी विदेशी ही है ..!!
ReplyDeleteअच्छी लगी यह जानकारी
ReplyDeleteye achhi jankari di apne...
ReplyDeleteअच्छी खबर.
ReplyDeleteअच्छी जानकारी है।
ReplyDeleteवैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाएं, राष्ट्र को उन्नति पथ पर ले जाएं।
जानकारी तो बढ़िया है।
ReplyDeleteमाननीय आशीष जी
ReplyDeleteजय हिंद
मेरी आपसे प्रार्थना है ,एक ख़ास तरीके का विजेट बनाने के लिए .मैं ही नहीं लगभग सभी ब्लॉगर इस समस्या से दो चार होते होंगे . हम किसी एक ब्लॉग पर जाते हैं ,वहाँ से दूसरे ,तीसरे, ....दसवें ब्लॉग पर चले जाते हैं ,कोई चीज अच्छी लगती है तो कमेन्ट भी कर देते हैं ,फिर बातों -बातों में किसी से चर्चा करते हैं कि हमने ऐसा -ऐसा पढा ,अगर उसने पूछ लिया कि किस ब्लॉग पर तो हम बगले झांकने लगते हैं ,क्योंकि हमने तो बस लेख पढा था ,ब्लॉग का नाम देखा ही नहीं था ,अगर देखा भी हो तो याद नहीं ,बस लेख का कथ्य याद रह गया ,यह भी याद है कि हमने क्या टिप्पडी दी ,मगर ब्लॉग का नाम याद नहीं ,बस बहुत बेइज्जती महसूस होती है
कुछ ऐसा कर दीजिये कि हम जिस ब्लॉग पर टिप्पडी दें वो कहीं हमारे ब्लॉग में लिस्टेड हो जाएँ ,इससे कई फायदे होंगे ,---
--वो ब्लॉग हम भविष्य में भी खोल सकेंगे
--हमारे द्वारा कितने लोगों को टिप्पडी गयी ,यह रिकार्ड हमारे पास रहेगा,हम यह तुलना कर सकेंगे कि हम लोगो को ज्यादा पढ़ते हैं कि लोग हमें .
--हम अपने मित्रों के सामने बेइज्जत होने से बच जायेंगे
वैसे मुझे यह पता है कि जो लोग एक टिप्पडी लिख कर सारे ब्लागों पर पेस्ट करते हुए चले जाते हैं ,उन्हें इसकी जरूरत नहीं पड़ेगी ,मगर मेरे जैसे पढने वाले भी ब्लॉगर होंगे जो पढ़ कर सोचते भी हैं ,लोगों से चर्चा भी करते हैं और टिप्पडी तो जरूर करते हैं
कृपया आशीष जी मेरी इल्तजा पर गौर जरूर फरमाईयेगा .
जो भी है अच्छा है।
ReplyDelete{ Treasurer-S, T }
cursur ke sang dr raman ki photo gajab hai...
ReplyDelete@ रंगनाथ सिंह जी,
ReplyDeleteये रमन नहीं, सर्वपल्ली राधाकृष्णन हैं। आज शिक्षक दिवस जो है।
good knoledge
ReplyDeletechitthajagat/ blogvani se hat kar ek sankalak hai http://deshkimitti.feedcluster.com iske dahini aur sabhi sadasya blog ka link milega v bayin aur un sab ki navintam pravishthiyan. blogvani ki bhanti iska pratik chinh bhi ap laga sakte hain, live traffic feed ki bhanti usmein anya blog ki pravishthiya apne blog par hi mil sakti hain. yeh hot line hai Rashtriya soch ke chitthakaron ki,krupra ise bhi dekhen.Tilak sampadak yugdarpan 09911111611.
ReplyDeleteJapan ki bhanti parishram se kamana amerika ke bas ka hai nahin. naye naye chonchale sujhte hai , kabhi MNC banao, kabhi patent banao, kabhi hathiyar bech vishva ladao, ab naya paintra hai charity ke nam par kya pata kahan jata hai.Ab koi Aerica ja kar janch karne se raha. Hamare purvajon ne samaj hit jo charity mein diya yeh us hi patent kar ishva ko lutna chahte hain. Bazarvadi soch ki chariti bhi nij labh dekhegi.
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