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Tuesday, September 29
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हिप-हिप हुर्रे.. ब्लॉगवाणी इज बैक
About Ashish Khandelwal
वर्ष 2003 से विज्ञान एवं तकनीकी विषयों पर लेखन। देश के प्रतिष्ठित समाचार पत्र—पत्रिकाओं में तीन हजार से अधिक आलेख प्रकाशित। 'राजस्थान पत्रिका' में पिछले नौ वर्ष से साप्ताहिक कॉलम 'टेक गुरु' का प्रकाशन। डिजिटल और सोशल मीडिया विशेषज्ञ। सम्पर्क करें: com.ashish@gmail.com
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दिनों के अवकाश के बाद आज ही कंप्यूटर खोला तो अब तरफ यही हाहा कार मचा देखा. ये क्या हो गया क्यूँ हो गया.....बेहद दुखद और अफसोसजनक ......कुछ भी समझ नहीं आ रहा, मगर ब्लोग्वानी की पोस्ट पढ़ कर कुछ राहत मिली है. ब्लोग्वानी यूँही सुचारू रूप से चलता रहे और हम सभी का हौसला बढाता रहे यही दुआ और शुभकामना के साथ....
ReplyDeleteregards
आज ब्लॉगवाणी दीवाली है
ReplyDeleteआईये इसे मिल जुल मन मनायें
स्वागतम...शुभस्वागतम....
ReplyDeleteलो जी हमने तो मिट्ठाई बंटवा दी. आप भी खाओ.
ReplyDeleteरामराम.
सुबह सुबह खुशखबरी देने का शुक्रिया आशीष जी... आशा है अब ब्लागवाणी सुचारू रूप से संचालित होती रहेगी.
ReplyDeleteअपको बहुत बहुत बधाई आपका प्रयास रंग लाया आज हम बहुत खुश हैं।
ReplyDeleteमुबारक हो आशीष भाई...
ReplyDeleteमीत
सभी बहन भाईयों को बलोगवाणी वापस आने पर गले लगाने का मन कर रहा है,आशा करता हूं,अब कोइ भी बलोग वाणी को बन्द करने के लिये विवश नहीं करेगा,आषीष ्जी को तहदिअल से धन्यावाद,उम्मीद करता हूं,विजयदशमी के बाद,बलोगवाअणी सुचारू रूप से चले।
ReplyDeleteye to aaj ki sabse achhi news hai ki blogvani wapas aa raha hai...
ReplyDeletewelcome Blogvani...
दिवाली का इससे बड़ा तोहफा कोई और हो भी नहीं सकता था!ये शुरू हो गयी इतना ही बहुत है!बाकि तकनिकी पक्ष हम तो जानते नहीं,बस आपस सब कुछ सही कर दो!हमारी दिवाली तो आज ही है!हुर्रे...
ReplyDeleteब्लोगवाणी पुन: शुरू हुई ! ऐसा लगा जैसे ब्लॉग जगत के किसी ब्लॉग को असाध्य रोग हो गया था , और वो दुआओं से ठीक हो गया !
ReplyDeleteआनन्ददायक सूचना है।
ReplyDeleteबधाई!
खुशी हुई जानकर
ReplyDeleteउदास चेहरे मुस्करा उठे।
ReplyDeleteवापसी अति सुखद है.
ReplyDeleteमैथिलीजी और सिरिलजी का हार्दिक आभार.
हुर्रे वापसी पर . शुभ सूचना दी है आपने धन्यवाद. बधाई आपको भी
ReplyDeleteतो आशीष जी,
ReplyDeleteब्लॉगर पर बने हमारे खाते को तो कोई हानि नहीं है.
कई दिन बाद ऑनलाइन हुआ हूँ तो आपके माध्यम से पता चला है कि क्या हो गया था.
वाह जी आपको हमें ...सबको बधाई हो..आखिरकार हमारा प्यार ब्लोगवाणी को वापस ले ही आया....
ReplyDeleteस्वागतयोग्य कदम
ReplyDeleteसोना आग में तप कर और खरा होगा
बी एस पाबला
न न न ब्लॉगवाणी इज नोट बैक
ReplyDeleteब्लॉगवाणी इज इन फ्रंट
मैथिलीजी और सिरिलजी का हार्दिक आभार.
ReplyDeletemain to do din se dhang se khana bhhi nahi khaya tha............blogvani ke gham mein....
ReplyDeleteaaj ja ke bhar pet khana khaya hai........
blogvani ko meri or se bahut bahut duayen................
ब्लोग्वानी के बदलाव का झटका अभी आया नहीं है | कई शंकाएँ हैं जिसे http://raksingh.blogspot.com/2009/09/blog-post_29.html लिखा है |
ReplyDeleteमुझे तो लगता है कहीं ऐसा ना हो की आवेश मैं ब्लोगवाणी team ऐसा वैसा बदलाव ले आये जो positive होने के बजाय negative ज्यादा हो !
mujhe bhi bhot khusi huyi, jese aap khush men bhi wese hi khus.
ReplyDeleteस्वागतयोग्य कदम
हिप हिप हुर्रे।
ReplyDeleteआज लगभग चार दिनों बाद ब्लॉग देखने शुरू किये तो ब्लॉग वाणी के बारे टिप्स हिंदी पर लेख देखा ब्लॉग वाणी सभी ब्लोग्गेर्स को जो सुविधा दे रहा है वह सराहनीय है ! सभी ब्लोग्स की प्रविष्ठियां एक ही स्थान पर पड़ने को मिलती है ! टिका टिपणी उन्ही पर होती है जो काम करते है जो रचनात्मक काम नहीं कर पाते वो दूसरों में आक्षेप करते है ! ब्लॉग वाणी निरंतर चलता रहे यही शुभ कामना है ! बाकि यही कहूँगा की " हाथी चलता रहता है और .............................. "
ReplyDeleteगुरू जी मैंने आपको 4थे रूप में बधाई दी, मेरा सौभाग्य इस रूप को कोई बताये तो भी ना मानूं मेरा है, क्यूंकि यह ब्लागवाणी पर है,
ReplyDeleteतीसरा रूप आजक कोई बता नहीं रहा, (जाखड जी से मैं पूछता नहीं वह तो अकेला सवा लाख जैसा, जैसे में हजार के बराबर), मैं बताउं तो कहेंगे मियां मिटठू हूं, अता पता बता दूं एक नाम से हैरान करदेने वाली हिन्दी मासकि पत्रिका का इन्टरनेट सम्पादक बनाया गया हूं, उसके रूप में उसका प्रचार करता हूं,
गुरू जी ब्लागवाणी उमर कैरानवी के साथ न्याय क्यूं नहीं कर रही, मेरे साथ हर तरफ क्यूं अन्याय हो रहा है? है कोई जो इस विषय पर मुह खोले,
ham bhi khush hai......sabhi ko badhai
ReplyDeleteइसके लिए सिरिल जी और मैथिली जी की जितनी तारीफ की जाए कम है।
ReplyDelete-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
लगभग एक हफ़्ते बाद अपना डैशबोर्ड देखा तो आपके ब्लॉग के माध्यम से इस दुःखद घटना के विषय में पता चला. इतने आरोप-प्रत्यारोपों के बाद अन्त सुखद हुआ और एक सकारात्मक बात सामने आयी. हमारा लोकतंत्र ज़िन्दाबाद? long live blogvani!long live our democracy.
ReplyDeleteबहुत अच्छी खबर है मुबारक हो
ReplyDeleteमुबारक हो....। सिरिल जी और मैथिली जी की जितनी तारीफ की जाए कम है।
ReplyDeleteबधाई आशीष जी
ReplyDeleteBlogwani phir se so gayi.....
ReplyDeletehttp://sunilkefande.blogspot.com