अपडेट: हिप-हिप हुर्रे.. ब्लॉगवाणी इज बैक
अब ब्लागवाणी को पीछे छोडकर आगे जाने का समय आ गया है..
ब्लॉगवाणी खोलते ही यह संदेश मिला। थोड़े हिन्दी चिट्ठे खंगाले तो वह विवादित पोस्ट भी दिखी, जिसने इस तरह के लांछन ब्लॉगवाणी पर लगाए। तकनीकी युग है। कुछ भी किया जा सकता है और उसे सिद्ध भी किया जा सकता है।
यहां मुझे यह लिखने की जरूरत नहीं है कि ब्लॉगवाणी संकलक हिन्दी चिट्ठों के विकास में किस तरह की भूमिका निभा रहा है। मैं बस यह कहूंगा ब्लॉगवाणी ने मुझे हर नए-पुराने चिट्ठाकार के साथ एक परिवार के रूप में बांधा है। ऐसा शायद ही कोई दिन होता है, जब मेरे कंप्यूटर पर सुबह सबसे पहले खुलने वाली वेबसाइट ब्लॉगवाणी न होती हो।
टीम ब्लॉगवाणी से मेरी व मेरे साथी चिट्ठाकारों की विनम्र अपील है कि इस मंच को फिर से सुचारू करें और हिन्दी ब्लॉग जगत के इस सबसे विशाल चौपाल को बरकरार रखें।
पसंद-नापसंद के मामले में यही कहूंगा कि तंत्र को मजबूत रखें और फिर भी सेंधमारी होती हैं तो उसकी परवाह न करें। पाठक इतना समझदार है कि बेवजह बढ़ाई गई पसंद वाले चिट्ठों को वह आसानी से पहचानता है।
उम्मीद है टीम ब्लॉगवाणी इस छोटी सी चिट्ठी पर संज्ञान लेगी। सकारात्मक जवाब की प्रतीक्षा में..
हैपी ब्लॉगिंग.
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Monday, September 28
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वी वांट ब्लॉगवाणी बैक..
About Ashish Khandelwal
वर्ष 2003 से विज्ञान एवं तकनीकी विषयों पर लेखन। देश के प्रतिष्ठित समाचार पत्र—पत्रिकाओं में तीन हजार से अधिक आलेख प्रकाशित। 'राजस्थान पत्रिका' में पिछले नौ वर्ष से साप्ताहिक कॉलम 'टेक गुरु' का प्रकाशन। डिजिटल और सोशल मीडिया विशेषज्ञ। सम्पर्क करें: com.ashish@gmail.com
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यह बेहद दुखद समाचार है जो कि आज सुबह से ही परेशान किये जारहा है. ब्लागवाणी से विनम्र नेवेदन है कि अपने फ़ैसले पर पुनर्विचार करें.
ReplyDeleteइष्ट मित्रों एवम कुटुंब जनों सहित आपको दशहरे की घणी रामराम.
आपने सही लिखा है। मैथिली जी पुन विचार करें। हमें आशा है कि ब्लोगवाणी फिर से शुरु होगा।
ReplyDeleteमै भी आपके विचारो से सहमत हूँ .
ReplyDeleteजी हाँ ब्लागवाणी टीम जो की ब्लॉग जगत में एक बहुत ही सम्मानित है, को अपने फैशले पर अपने प्रशंशको को मद्दे नजर रखते हुए फिर से विचार करना चाहिए |
ReplyDeleteअब कुछ नादानों की नादानी का अंजाम पूरे हिन्दी ब्लॉग समाज को भुगतना होगा। अनुरोध है कि ब्लॉगवाणी वापिस शुरु हो।
ReplyDeleteआज विजयादशमी के शुभ दिन कैसा तोहफा मिला है! बड़े दुख की बात है कि ब्लॉगवाणी अब नहीं दिखेगा। मैथिलीजी-सिरिल जी की मेहनत को हिन्दी ब्लॉग जगत कभी भुला नहीं पायेगा।
ReplyDeleteहम ब्लॉगवाणी टीम से अनुरोध करते हैं कि कुछ लोगों की बातों पर ध्यान ना देते हुए इसे फिर से चालू करे।
मुफ्त का माल हजम करने की हमारी औकात कभी थी ही नहीं।
अच्छा नहीं लगा यूँ रूठ के जाना वो भी आज के दिन ..ब्लागवाणी अपने निर्णय पर फिर विचार करे मेरे जैसे कई लोग होंगे जो अपनी मेल बॉक्स से पहले ब्लागवाणी देखते हैं की आज कहाँ क्या नया लिखा गया है ...आशा है आप निराश नहीं करेंगे मैथली जी
ReplyDeletekahne walon ka kuch nahi jaata sahne wale kamaal karte hai, kaun pooche jawab dardo ke log to bas sawal karte hai...... chand logon ke kahne se kya hota...... just avoid or overlook the things
ReplyDeleteमैं आप से पूर्ण रूप से सहमत हूँ. ब्लोगवाणी ब्लोगर्स की जान है. इसे फिर शुरू किया जाना चाहिए. तुच्छ बातों को नज़रंदाज़ करना ही ठीक है.
ReplyDeleteयह बेहद दुखद है.
ReplyDeleteमुझे दुःख है की इन दुखद परिस्थितिओं में ब्लोग्वानी को बंद करना पड़ा.मुझे दुःख है ब्लोग्वानी हिंदी ब्लॉग जगत में फैली गुटबंदी का शिकार हुई ब्लागवाणी से विनम्र निवेदन है कि अपने फ़ैसले पर पुनर्विचार करें.
ब्लागवाणी द्वारा अपने इस निर्णय पर पुनर्विचार किए जाने की अपेक्षा करते हैं!!!!
ReplyDeleteबहुंते सुघर लिखे हस संगवारी, हमहूं लिखे हन थोकन देख लेहूं
ReplyDeleteब्लागवाणी बंद करवाना किसी नए एग्रीगेटर की साजिश तो नहीं?
Blogvani ki wapsi ka intzaar rahega...
ReplyDeleteBlogvani fir se apne nirnay mai ek baar aur soche...
हम भी आपके विचार से पूरी तरह से सहमत हैं... ब्लागवाणी को अपने निर्णय पर दोबारा विचार ज़रूर करना चाहिये और मंच को फिर से शुरू करना चाहिये.
ReplyDeleteब्लागवाणी से विनम्र नेवेदन है कि अपने फ़ैसले पर पुनर्विचार करें.
ReplyDeleteब्लॉगवाणी आपकी इस चिट्ठी का संज्ञान जरूर लेगी । वह वापस आयेगी । जरूर ही ।
ReplyDeleteabhi abhi yeh blogvani ke band honey ke vishay main pada,bahut dukh hua blogvani ko phir se shru karne ki prarthna karta hoon.
ReplyDeleteसरटेनली वी वांट ब्लॉगवाणी बैक..
ReplyDeleteस्तब्ध हूं। क्या कहूं! पर एक शिकायत ब्लॉगवाणी के संचालकों से भी है। एक-आध विघ्न-सन्तोषी की बात को इतना अधिक महत्व और अनेकानेक प्रशंसक ब्लॉगरों की भावनाओं का कोई महत्व ही नहीं!इतना ही निवेदन है कि पुनर्विचार करें अपने निर्णय पर।
ReplyDeleteहम ब्लॉग वाणी के आने का इंतजार करते है और ब्लॉग वाणी पर लगाये गए कुछ आरोप ग़लत है। वैसे ब्लॉग वाणी टीम को इसपर फिर से कोई विचार करना चाहिए... और एक बात "मैं मूरख, तुम ज्ञानी" ब्लॉग को ही बंद कर देना चाहिए वैसे अगर आप इस ब्लॉग को देखे और इसके साबुत को देखे तो यह सब तथ्यहीन है ... हर ब्लॉगर ब्लोग्वानी के हमेसा ऋणी रहेंगे ॥
ReplyDeleteआगे पढ़े >>
ASHA HAI HAMARA BLOGVANI PUNAH SHURU HOGA...
ReplyDeleteआशीष जी से पूर्णतः सहमत
ReplyDelete---------ब्लॉगवाणी से निवेदन है कि वो अपने फैसले पर पुनर्विचार करे !
ReplyDelete-----------विजयदशमी की ढेरो शुभकामनाएं
My humble request to Mr. M. S. Gupta (CEO of Pubic Soft) please apne liye gaye faisle par punarvichar karen...
ReplyDeleteयह सूचना सुन कर धक्का सा तो लगता ही है।
ReplyDeleteमगर आशा ही नही अपितु विश्वास भी है कि
ब्लॉगवाणी एक सजे-संवरे व संशोधित रूप में
अवश्य ही सामने आयेगी।
असत्य पर सत्य की जीत के पावन पर्व
विजया-दशमी की आपको शुभकामनाएँ!
ब्लॉगवाणी का बंद होना
ReplyDeleteरावण की राम पर विजय का प्रतीक है
आप बतलायें क्या यह सटीक है।
ब्लागवाणी से विनम्र निवेदन है कि अपने फ़ैसले पर पुनर्विचार करें.
ReplyDeleteaapse poorn sahamat. aapke saath main appeal me shamil hoon .
ReplyDeleteबलागवाणी हम जैसे अनजान लोगों के लिये तो वरदान थी आज के पर्व पर हमे इस समाचार से घोर निराशा हुई है अasआआ है आपका और बाकी सब लोगों का अनुरोध ब्लागवाणी के प्रबम्धक जरूर मान लेंगे मैने तो ब्लाग लिस्ट भी इस लिये पूरी नहीं लगा रखी कि ब्लागवानी पर ही सब को देख लेती थी। आप व्यक्तिगत तौर पर भी जरूर प्रयास करें धन्यवाद दशहरा पर्व की शुभकामनायें
ReplyDeleteबहुत ही दुःखद समाचार है यह । आशा करते है पुन ब्लागवाणी की शुरुआत हो ।
ReplyDeleteसब लोग आजसे हैरान हैं, मैं तो रातसे परेशान हूं, चटका लगाने वाले स्थान पर सबसे टाप पर इनका लेख था, उसे देखने वाले स्थान से दबा दिया, बस वही आखरी सलाम होगया ब्लागवाणी को, भाईलोगो ब्लागवाणी ने मुझे कभी अपना नही समझा फिर भी मेरा गुरूजी जैसा ही संबन्ध था ब्लागवाणी से, मैं भी दरख्वास्त करता हूं वापस आओ,
ReplyDeleteवी वांट ब्लॉगवाणी बैक
Blogvani come back ! This entire episode is very frustratinf !
ReplyDeleteविजयादशमी की बहुत-बहुत शुभकामनायें
ReplyDeleteये पूरा प्रकरण ही अत्यंत खेदजनक है। न केवल आरोप-प्रत्यारोप खेदजनक हैं वरन नीजर्क प्रतिक्रिया में ब्लॉगवाणी को बंद किया जाना भी। क्या कहें बेहद ठगा महसूस कर रहे हैं...अगर ब्लॉगवाणी केवल एक तकनीकी जुगाड़ भर था तो ठीक है जिसने उसे गढ़ा उसे हक है कि उसे मिटा दे पर अगर वह उससे कुछ अधिक था तो उस पर उन सभी शायद लाख से भी अधिक प्रविष्टियों की वजह से था जो इस निरंतर बहते प्रयास की बूंदें थीं तथा इतने सारे लोगों ने उसे रचा था.... हम इस एप्रोच पर अफसोस व्यक्त करते हैं। यदि कुछ लोगों की आपत्ति इतनी ढेर सी मौन संस्तुतियों से अधिक महत्व रखती है तो हम क्या कहें...
ReplyDeleteलोगों में लोकप्रियता की कितनी भूख है, यह प्रकरण एक ज्वलंत उदाहरण है, सराहना सबको अच्छी लगती है, मगर यहाँ सराहना के लिए एक दूसरे को सिर्फ जलन वश , या मेरी इज्ज़त क्यों नहीं ? के कारण एक दूसरे का ऐसा अपमान करने की कोशिश की जाती है जिसे सभ्यता के नाम पर सिर्फ कलंक कहा जा सकता है ! किसी भी कार्य के प्रति सम्मान न दे सको तो कम से कम उसका अपमान तो नहीं करना चाहिए !
ReplyDeleteशायद यह यहाँ इस लिए हो रहा है की यहाँ मशहूर नामों के प्रति चाटुकारिता अधिक और अशोभनीय हरकतों का विरोध करने के साहस की बेहद कमी है !
ब्लोग्वानी वापस आ गई</b
ReplyDeleteधन्यवाद टीम ब्लोग्वानी ..आपने हजारों प्रशंसकों के निवेदन का मान रखा.
नुक्कड़ आज दीवाली मना रहा है
ReplyDeleteआप भी ब्लॉगवाणी दीवाली पर
एक पोस्ट लगायें और टिप्पणियों रूपी
दीप जगमगायें।
इस प्रकार की घटनाएं शर्मनाक है ।
ReplyDeleteAashish ji ham to pahle se hi aapke prasnsak hain .....Blogvani ke suru ho jane ki BDHAI ....!!
ReplyDeleteइतनी महत्व पूर्ण जानकारी आपसे मिलती रही है.
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यबाद!