काफ़ी समय से प्रकाश बादल जी गूगल कैलेंडर के बारे में जानना चाह रहे थे और मैं आलसी उन्हें हर बार टालता जा रहा था। आज उन्होंने मुझे स्पष्ट शब्दों में कह ही दिया कि अगर मैंने इसके बारे में पोस्ट नहीं लिखी तो उनके मेरे संबंध भारत-चीन संबंधों की तरह "मधुर" हो जाएंगे। तो आज आपके सामने मैं गूगल कैलेंडर की खूबियां लिखने को मजबूर हूं। यकीन मानिए कि मैं अपनी इस मजबूरी से आपको पकाने नहीं जा रहा हूं। गूगल कैलेंडर वाकई बड़े काम की चीज़ है और हर ब्लॉगर को इसकी सुविधाओं के बारे में पता होना ही चाहिए।
बात शुरू करें उससे पहले गूगल कैलेंडर के फ़ायदे की एक बानगी देख लीजिए-
बी एस पाबला जी ने कई ब्लॉगर साथियों के जन्मदिन को गूगल कैलेंडर के रूप में एक जगह संजोया है। देखिए कितनी आसानी से हमें सभी के जन्मदिन की जानकारी इस कैलेंडर की मदद से हो रही है।
गूगल कैलेंडर के फायदे-
अब आते हैं मुद्दे की बात पर। सबसे पहले जानते हैं कि गूगल कैलेंडर की मदद से हम क्या क्या कर सकते हैं।
1. महीने, हफ्ते, दिन और घंटे के हिसाब से अपनी दिनचर्या के महत्वपूर्ण कार्यों को पहले से यहा फीड कर सकते हैं औऱ उसके बाद नियत समय पर उसकी सूचना ई-मेल या अपने मोबाइल फोन पर पा सकते हैं।
2. मर्ज़ी के हिसाब से अपने कैलेंडर को दोस्तों के साथ शेयर कर सकते हैं यानी आपको यह भी पता चल सकता है कि आपके मित्रों की दिनचर्या में क्या खास बातें होने वाली हैं।
3. अगर आप किसी खास परियोजना की समय सारिणी बनाना चाहते हैं या दोस्तों के जन्मदिन की जानकारी एक जगह रखना चाहते हैं तो वह भी यहां संभव है।
4. कैलेंडर को ब्लॉग के विजेट या पोस्ट में भी इस्तेमाल कर सकते हैं। कैलेंडर बनाने के बाद इसके इम्बैडेड कोड को ब्लॉग पर आसानी से लगाकर सभी को अपने खास कार्यक्रम दिखाए जा सकते हैं।
कैसे इस्तेमाल करें गूगल कैलेंडर ?
1. इस लिंक पर क्लिक करें और उसके बाद अपने जीमेल खाते का उपयोग कर गूगल कैलेंडर के लिए लॉगइन करें।
2. संबंधित तारीख या समय पर कोई गतिविधि को जोड़ने के लिए बाईं ओर दिए गए Add Event बटन पर क्लिक करें। और घटना का समय और विवरण भर दीजिए।
3. दूसरे कैलेंडर जोड़ने के लिए My Calendars के नीचे दिए गए Add विकल्प पर क्लिक कीजिए औऱ पहले की तरह नया कैलेंडर बना लीजिए।
4. अगर आप कैलेंडर को केवल अपने निजी इस्तेमाल के लिए रखना चाहते हैं तो आपको कोई सैटिंग बदलने की जरूरत नहीं है। लेकिन अगर आप यह कैलेंडर खास दोस्तों या सार्वजनिक रूप से शेयर करना चाहते हैं तो कैलेंडर के नाम के आगे वाले तीर पर क्लिक कीजिए औऱ उसके बाद Share this calendar पर क्लिक कीजिए। अगर दोस्तों के साथ शेयर करना चाहते हैं तो उनके ई-पते भर दीजिए और अगर सभी के साथ शेयर करना चाहते हैं तो इसे पब्लिक पर सैट कर दीजिए। याद रखें कि पब्लिक कैलेंडर सभी को दिखाए देते हैं औऱ गूगल सर्च में भी नज़र आते हैं।
5. अगर आप कैलेंडर को अपने ब्लॉग पर टांगना चाहते हैं तो Calendar setting पर क्लिक कीजिए और यहां से कैलेंड का इमबैडेड कोड ले आइए औऱ इसे अपने ब्लॉग पर टांग लीजिए।
नोटः एक खास तरीके से आप अपने गूगल कैलेंडर में ऑरकुट मित्रों के जन्मदिन की जानकारी एक क्लिक की मदद से जोड़ सकते हैं। जहां ऑरकुट पर केवल आने वाले दिनों के जन्मदिन वाले मित्रों की ही जानकारी होती है, वहीं इस तकनीक से आप सभी मित्रों के जन्मदिन कैलेंडर के रूप में पा सकते हैं। अगली पोस्ट इसी विधि पर होगी।
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Saturday, July 18
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कितने काम का है गूगल कैलेंडर ?
About Ashish Khandelwal
वर्ष 2003 से विज्ञान एवं तकनीकी विषयों पर लेखन। देश के प्रतिष्ठित समाचार पत्र—पत्रिकाओं में तीन हजार से अधिक आलेख प्रकाशित। 'राजस्थान पत्रिका' में पिछले नौ वर्ष से साप्ताहिक कॉलम 'टेक गुरु' का प्रकाशन। डिजिटल और सोशल मीडिया विशेषज्ञ। सम्पर्क करें: com.ashish@gmail.com
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गूगल कैलेंडर की उपयोगिता पाबला जी ने सिद्ध ही कर दी है । बाकी इस पोस्ट ने समझा दी । आभार ।
ReplyDeleteहम भी इस्तेमाल शुरु करते है.. आभार..
ReplyDeleteबहुत दिनों से गूगल केलेंडर को उपयोग करने की सोच रहा था. आपने अच्छी जानकारी दी धन्यवाद.
ReplyDeleteबहुत बढ़िया जानकारी !
ReplyDeleteआपने बहुत अच्छी जानकारी दी । आपके बलोग पर हमेशा ही नयी नयी जानकारी मिलती रहती है ।धन्यवाद
ReplyDeleteयह तो है ही गज़ब का
ReplyDeleteइतना महत्व का है गूगल कैलेन्डर .. हमलोगों को जानकारी भी दे दी .. और बादल जी के साथ अपने संबेधों के भारत-चीन संबंधों की तरह "मधुर" हो जाने से भी खुद को बचा भी लिया।
ReplyDeleteहम तो जी दोनो ही प्रयोग करते गूगल कलेंडर भी डोक्कुमेंट भी। लगे हाथ एक बात पूछ ले। कई दिन से परेशान है उसे लेकर वैसे यूनूस जी और कई ब्लोगर से पूछा और उन्होने बताया भी। पर फिर भी डाऊट है। बात दरसल है कि मेल से एक संगीत की फाईल भेजनी थी दोस्त को पर वो काफी बडी है जिसके कारण वो मेल जा नही रही है। वैसे किसी ने कहा कि शेयर कर लो साईट पर जाकर फ्री होस्टीग साईट पर। पर किसी ने कहा वहाँ भी दिक्कत है। आप बताए कुछ हल। या कोई पोस्ट की हो पहले उसकी जानकारी दे दे वो पोस्ट पढ लेगे जी। शुक्रिया।
ReplyDeleteशुक्रिया जानकारी देने के लिए
ReplyDeleteअगला सवाल हमारी ओर से .जब से टेम्पलेट में कुछ बदलाव किया है .इन्टरनेट एक्स्प्लोरर वाले साथी ब्लॉग खोलने में परेशानी प् रहे है ....कोई सुझाव ?
अच्छी जानकारी दी आपने
ReplyDeleteअर्थात हम जैसे भुल्लक्डो़ के लिये बहुत बडिया है आभार्
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteआप आलसी है? ये हमें पता नही था अच्छा हुआ आपने बता दिया...आगे से कोई काम बताते वक्त याद रखेंगे..
ReplyDeleteबहुत अच्छा काम किया आपने कि पाबला जी से "मधुर रिश्ते" नही बनाये क्यौंकी जयपुर में वैसे ही बहुत बडें-बडें और मिठे लड्डु मिलते है...ज़्यादा मिठे से शुगर का खतरा हो सकता है
सुशील कुमार जी
मैने आपकी परेशानी पढी तो सोचा आपकी कुछ मदद कर दूं। आपको फ़ाइल शेयर करनी है तो आप www.4shared.com पर जा सकते है। इस साइट पर एक बार में १०० एम.बी. की फ़ाइल अपलोड हो सकती है और आपको एक अकाउंट पर ५ जी.बी. का स्पेस मिलेगा।
और कोई परेशानी हो तो पुछ सकते है जितना हो सकेगा आपकी मदद करूंगा
बढ़िया!
ReplyDeleteमेरे एक छोटे से प्रयास को सराहने के लिए आभार।
वैसे कोई चाहे तो अनेको कैलेंडर एक साथ रख सकता है, अलग अलग रंगों में प्रदर्शित होता हुया। आपने जिस कैलेंडर की लिंक दी है, मैं वहीं अंतरराष्ट्रीय दिवस, भारतीय त्यौहार/ छुट्टियाँ, चन्द्र कलायें, रिश्तेदारों/ सहयोगियों/ मित्रों आदि के जनमदिन आदि भी रखता हूँ। ऑर्कुट/ फेसबूक आदि से भी जनमदिन एक क्लिक में आयातित किये जा सकते हैं
छौक्कर जी गूगल डॉक्स का भी प्रयोग करते हैं, प्रसन्नता हुयी
@ काशिफ़ आरिफ़/Kashif Arif
ReplyDeleteवैसे कईयों ने बना लिए हैं "मधुर रिश्ते" :-)
शुक्रिया जानकारी देने के लिए
ReplyDeleteबहुत अच्छी जानकारी. आभार.
ReplyDeleteआशीष जी!
ReplyDeleteवाकई गूगल कलेण्डर बड़े काम का है।
जानकारी के लिए आभार!
बहुत लाजवाब जानकारी दी आपने. धन्यवाद.
ReplyDeleteरामराम.
मैंने पहले भी कई बार कहा है कि पाबला जी बहुत ही सराहनीय काम कर रहे हैं. जहाँ तक मैं समझता हूँ, इससे एक जुडाव भी पैदा हुआ है............ सोचता हूँ पाबला जी के कैलेंडर में अपना नाम भी दर्ज करा ही लूं :)
ReplyDelete.... जानकारी अच्छी दी आपने... शुक्रिया..
अच्छी जानकारी दी आपने
ReplyDeleteachhi jankari hai thanks
ReplyDeletejaankari काम की है.शुक्रिया.
ReplyDeleteवाकई उपयोगी जानकारी है, धन्यवाद.
ReplyDeleteप्रकाश बादल जी को धन्यवाद कि आपसे इतनी सुंदर जानकारी बंटवा कर ही माने.
ReplyDeleteअच्छी जानकारी दी धन्यवाद.
ReplyDeleteShukriya.
ReplyDelete-Zakir Ali ‘Rajnish’
वाह वाह आशीष जी मजा आगया....
ReplyDeleteअब सब कुछ याद रखने की जरुरत नहीं....
मीत
अच्छी जानकारी के लिए धन्यवाद।
ReplyDeleteइसमें जो आपने एक खास बात बताई कि हम मोबाइल पर भी एलर्ट पा सकते हैं यह बात और भी अच्छी और उपयोगी लगी। एक बार पुन: धन्यवाद।
कुछ चीजों को देखते हुए भी हम उनके बारे में विस्तार से नहीं जानते, इसलिए समुचित लाभ नहीं ले पाते |
ReplyDeleteइस ब्लॉग पोस्ट को पढ़ने के बाद गूगल कैलेंडर तक खुद तक पहुंचाए बिना नहीं रोका जा सकता |
महत्वपूर्ण ध्यानाकर्षण !
आशीश भाई आपने मेरी मंशा पूरी कर दी इसका शुक्रिया अदा भला कैसे कर सकता हूँ। आप जो इंटरनैट के प्रयोग का ज्ञान बाँटते हैं वो अपने आप में बहुत सराहनीय और जोखिम भरा काम है जोखिम भरा इसलिये क्योंकि इसमें बहुत समय खप जाता है। आपने मुझ जैसे कई अनजान इंटरनैट प्रयोगकर्ताओं को गूगल कैलैंण्डर के बारे में जानकारी देकर हमारा ज्ञान बढ़ाया है। मैंने पहले भी अपना कमैंट लिखा था लेकिन किधर गया पता ही नहीं चला, हो सकता है भेजती बार कोई गड़बड़ हो गई हो।
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