एक साल 3 महीने और 1 हफ़्ते के दौरान हिन्दी ब्लॉग टिप्स पर करीब 185 पोस्ट लिखी गईं। इतना लिखने के बावूजद कुछ खास लाइनें ऐसी भी रहीं, जिन्हें मैं कभी नहीं लिख पाया। ये खास लाइनें थीं मेरे प्रोफाइल का About me (मेरे बारे में) वर्णन। अक्सर साथी पूछते थे कि मैंने अपने बारे में कुछ क्यों नहीं लिखा। दरअसल मुझे कभी सूझा ही नहीं कि मैं अपने बारे में क्या लिखूं, क्योंकि मेरे पास अपने बारे में कुछ लिखने को था ही नहीं। वैसे मेरे पास लिखने को अब भी नहीं है, लेकिन फिर भी आप आज इस वर्णन में कुछ लिखा देख रहे होंगे।
मैं आभारी हूं अनूप शुक्ल "फ़ुरसतिया" जी का, जिन्होंने अपनी चिट्ठाचर्चा में मेरे बारे में इतनी सम्मानजनक पंक्तियां लिखीं और मेरा प्रोफाइल पूरा करने में मदद की। आखिर हीरे की परख जौहरी ही जानता है :)
मैं आभारी हूं पचास से अधिक उन सभी साथियों का (अधिकतर ऐसे जो मेरे ब्लॉग पर पहली बार आए), जिन्होंने पिछली पोस्ट क्या टिप्पणी पाने के लिए खुद भी टिपियाना ज़रूरी है ??? पर अपने मूल्यवान विचार दिए और इस सार्थक मुद्दे के सभी पहलुओं को टटोलते हुए इसे अब तक की सबसे बड़ी बहस बनाया और एक निष्कर्ष तक पहुंचाया।
मैं सभी नये नवेले साथियों की ओर से फ़ुरसतिया जी को वादा करता हूं (उनके ऐतराज के बाद) कि हम सब आईंदा किसी भी विषय पर लिखने के दौरान ध्यान रखेंगे कि कहीं उस विषय पर लेखन का अधिकार किसी ब्लॉगर विशेष के पास सुरक्षित तो नहीं। यह भी ध्यान रखेंगे कि हम पोस्ट तभी लिखेंगे, जब हमें उस पोस्ट से कुछ मिलने वाला हो। साथ ही हम यह भी वादा करते हैं कि पोस्ट लिखने से पहले इंटरनेट को पूरी तरह खंगालकर यह सुनिश्चित करेंगे कि कहीं विद्वान लोग उस विषय पर पहले कुछ कह तो नहीं चुके। अगर वे तनिक भी कह चुके होंगे तो लिंक के साथ उनका उल्लेख हम जरूर करेंगे। अब तो आप सीनियर लोग नये नवेलों की रैगिंग नहीं लेंगे न :)
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Monday, July 13
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जहां हम खड़े हो जाते हैं लाइन वहीं से शुरू होती है..
About Ashish Khandelwal
वर्ष 2003 से विज्ञान एवं तकनीकी विषयों पर लेखन। देश के प्रतिष्ठित समाचार पत्र—पत्रिकाओं में तीन हजार से अधिक आलेख प्रकाशित। 'राजस्थान पत्रिका' में पिछले नौ वर्ष से साप्ताहिक कॉलम 'टेक गुरु' का प्रकाशन। डिजिटल और सोशल मीडिया विशेषज्ञ। सम्पर्क करें: com.ashish@gmail.com
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अच्छा ऐसा भी है??
ReplyDeleteज्ञानवर्धन हुआ..
हिंदी ब्लॉग्गिंग में 'विषयों ' के कॉपीराइट किस विभाग में होते हैं?
oh... ho!.....to aisa bhi hai ! main to.... jo ji me ata hai vah likhti rahti hoon ........he he he he .........ab kya hoga ?
ReplyDeleteबधाई हो आशीष जी, चलिये इसी बहाने आपको "About Me" का matter मिल गया
ReplyDeleteमजाक तक तो यह बात सही है लेकिन, यदि लिखने के पहले उस विषय से संबंधित सभी पोस्ट खगालने लगे तो हो चुकी ब्लॉगरी ।
अच्छा लगा आपके बारे में जानना।
ReplyDeleteअरे!!! ये क्या कह रहे हैं? ये कैसे सम्भव है कि पहले सारे ब्लौग्स पढे जायें फिर पोस्ट लिखी जाये? एक ही मुद्दे पर क्या अनेक लोग अपने विचार नहीं रख सकते? अगर यही करना पडा तब तो ब्लौग पर लिखना बन्द कर देना ही बेहतर है. आप मेरे ब्लौग पर आये तहे दिल से आभारी हूं.
ReplyDeleteआशीष जी आप काहे टेंशनात हैं? फ़ुरसतियाजी तो पुराने मौज लेने वाले खिलाडी हैं. थोडी सी मौज ले ली तो त का होगया?:) और देखो ना आपको अमिताभ बच्चनवा भी त बना दिये हैं. ई कोनू कम बडी बात है का? अब वरिष्ठ ब्लागरगण त वरिष्ठ रहबे ही करेगा. आप हम छुटका ब्लागर तो उनके सामने छूटका ही ना रहेगा.
ReplyDeleteये लो जी ई बडका बडका सब लोग बोलते काहे नही हैं जी? का कोनू उल्टा पुल्टा बात है का? कुछ बोलिये ना आप भी.
ReplyDeleteबेशक आप लाइन में सबसे आगे हैं अपने क्षेत्र में !
ReplyDeleteइतनी प्रशंसा पाने के अधिकारी तो आप हैं ही .. बहुत बहुत बधाई ।
ReplyDeleteअरे आशीष जी, फ़ुरसतिया जी तो हमेशा फ़ुरसत मे रहते है तो उनकी बात का बुरा मानने की ज़रुरत नही है...वो क्या है काफ़ी दिनो बाद आपने तकनीक को छोडकर कुछ और लिखा तो उन्हे अजीब लगा इसलिये....
ReplyDeleteआप बिन्दास लिखते रहो कोई परेशानी नही है...
मैनें मेल किया है चेक कीजियेगा
आशीष् जी!
ReplyDeleteहीरे की की परख तो जौहरी को ही होती है,
परन्तु आप तो वो हीरे हैं जिसकी चाहत
सभी ब्लॉगर्स को है।
लेकिन आप सिर्फ हीरा ही नही,
अपितु जौहरी भी हैं।
यह तो अच्छा ही है.
ReplyDeletebilkul sahi kaha...
ReplyDeleteआप तो ऐसे न थे जी!!
ReplyDeleteकाहे बुरा मान रहे हो भाई इतनी सी बात का..ऐसा हम माने होते या फुरसतिया जी हमारी बात का माने होते, तो कब का ही दोनों का लिखना बंद हो जाता.
कभी कभी मौज मजेदारी के साथ हँसते हँसाते चलते रहिये-इतना सिरियसली बात को लेने की कहाँ जरुरत है.
फुरसतिया मौज तो जग जाहिर है ही, उसका बुरा लगाना भी बुरा ही माना जाता है.
वैसे, मुझे लग रहा है कि यह भी आपने पलट मौज ही ली है तभी आखिर में :) स्माईली चैंप दी है..है न!!
बकौल फुरसतिया जी आप बन ही गए अमिताभ बच्चन। हम तो अब तक उसे ही अमिताभ बच्चन बनाते जिससे लिम्का का ढक्कन खुलवाना होता था। अमिताभ बच्चन बना हीरो काउंटर से सारी बोतलें उठाकर लाता और हमारे सामने चाबी से एक एक बोतल ऐसे खोलता जैसे कालिया में अमिताभ बच्चन ने लताई लात किया था। :)
ReplyDeleteअब आप हैं कि खांम खां :)
बहुत खूब , अब हम जैसे नये लोग बड़े लोगो कि बातों मे क्या बोले.... । किसको क्या लिखना चाहिये किसको क्या नही लिखना चाहिये यह तो लेखक को ही विचार करना है ।
ReplyDeleteई सब फ़ुरसतिया लोग आलतू-फ़ालतू की बात करते रहते हैं। आप तो जमाये रहो जी। दिये रहो टिप्स धांस के। वैसे उस वाले लेख में जो टिप्पणियां आईं उससे का मतलब फ़ाइनल किया गया ई भी बताया जाये। :)
ReplyDeleteआशीश जी बाकी बातों के बारे मे तो मैं कह नहीं सकती पर इतना जरूर जानती हूँ कि फुरसतिया जी ने जो आपको अमिताभ बच्चन जी समझा है तो बिलकुल आप ब्लोग जगत के अमिताभ हैं आपके कारण ही हम जैसे अनजान आज बलागिँग कर रहे हैं आपको बहुत बहित बधाई और आशीर्वाद मगर आपका परिचय अभी पूरा नहीं हुआ अमिताभ से आगे भी और कुछ है-----
ReplyDeleteलो बताओ जी अब आप तो अनूप शुक्ल जी की बातो को सीरयसली लेने गए...उनको तो खुद अनूप जी सीरयसली नहीं लेते...
ReplyDeleteभाई आप तो वाकई अमिताभ बच्चन निकले. और लगता है फ़ुरसतिया जी ने बिल्कुल सही समझा आपको.
ReplyDeleteऐसा कोई ब्लागर नही जिसकी मौज फ़ुरसतिया जी ने नही ली हो? और हमारी आज तक तमन्ना ही रह गई कि कब फ़ुरसतियाजी की मौज लेने का सौभाग्य मिले और आपने तो आते ही मौज ले डाली.
भई वाह ..ये हुई अमिताभ बच्चन की दीवार वाली फ़िल्म. बहुत बढिया..
रामराम.
आचार्य संजीव सलिल जी की ई-मेल के जरिए मिली टिप्पणी
ReplyDeleteरैगिंग से डरिये नहीं, सहिये हँसकर मीत.
रैगिंग करना नयों की, 'सलिल' सनातन रीत.
आप दे सकें दीजिये, अधिक नयों को प्रीत.
अपनी राह न छोडिये, जग जायेगा गीत.
जो रुचता करते चलें, मंजिल लेंगे जीत.
सीख रहे कई आपसे, सिखा निभाएं नीत.
हिन्दी चिट्ठाजगत में आपका स्वागत है:)
ReplyDeleteआप लाइन शुरु किजिये हम पीछे आते है...
ReplyDeleteमतल्ब कि आप नये विजेट बनाये और हम उनका उपयोग करे..
सही कहा अनुप जी ने..
ashish ji
ReplyDeletekisi ke man ke vicharon par koi rok thode laga sakta hai aur phir ek hi vishay par na jaane kab se duniya bhar mein chintan chal raha hai aur chalta rahega us par kisi ko copyright thode hai.........aap to bas likhte rahiye ......sabhi bloggers ko aapki bahut jaroorat hai.
mere lekh to bhai apne gaanw ke aur mere dimaag ki utpatang baten hain !!copy right ka koi prawadhaan ulanghan nahi hai!!
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ReplyDeleteक्या आशीष आप भी ना समझते ही नहीं , ब्लॉग
ReplyDeleteजगत के मठा धीशो को अधिकार हैं किसी को भी
कुछ भी कहने का . और फिर देखिये ग्रुप कितना
तगडा हैं सब एक तरफ से कहेगे बुरा ना मानो
वो तो हैं ही ऐसे ही . आप अपने दायरे से निकले
और वहाँ इन्सेकुरिटी हो गयी की अरे अब ये भी
लिखे गा इन विषयों पर अभी तक तो वो किसी
एक से जिसका नाम नहीं लिया के प्रश्नों से
दुखी थे . अब आप भी ??
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ReplyDeleteMUMBAI TIGER मुम्बई टाईगर said...
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आशिषभाई क्या हुआ ? मेरे टिपण्णी आपने निकाली क्यो ?
बधाई हो आशीष जी
ReplyDeleteगुरुदेव
ReplyDeleteइससे अच्छा परिचय भला क्या हो सकता है !
"आज खुश तो बहुत होगे"
इधर जिस तरह आप ट्रैक से हटकर धमाल मचाल रहे हैं ... उससे काई धुरंधरों की नींद उड़ी हुई है ! जिस स्क्रिप्ट पर आप हाथ रख देते हैं .. वही सुपर हिट हो जाती है !
मेरे लिए तो आप ही अमिताभ हो, आप ही आमिर !
आपके सिखाए विजेट से ना खेलता तो ब्लागिंग का चस्का भी नहीं पड़ता !
मैने भी आपको बहुत तंग किया है गुरुदेव !
Bahut bahut badhai apko ki apka profile pura ho gaya...
ReplyDeleteभाई, अब जैसे अमिताभ को देख - देख कर ही कईयों ने एक्टिंग सिख ली; हम सभी ने भी तो ब्लॉग्गिंग के कई ट्रिक्स आप ही से सीखे है. तो ब्लॉग जगत के अमिताभ तो आप हैं हीं.:-)
ReplyDeleteहाँ, इसी बहाने आपके अधूरी प्रोफाइल थोड़ी मुकम्मल जरुर हो गई. वैसे कुछ डीलीटेड कमेंट्स कहानी में ट्विस्ट का अहसास क्यों दे रहे हैं !
फुरसतिया जी ने तो केवल नामकरण किया है वैसे अपने काम से तो आप है ही अमिताभ, हर ब्लॉग हिट............और ये तो वाला तो सुपर हिट ............बधाई हो गुरुदेव.
ReplyDelete@ MUMBAI TIGER जी
ReplyDeleteआपकी टिप्पणी निकालने की वजह सिर्फ़ इतनी सी रही कि मुझे अंदेशा था कि इसके बाद यहां टिप्पणियों का अंबार लग जाता और यहां एक ही पोस्ट पर सर्वाधिक टिप्पणियों का कीर्तिमान बन जाता। आपकी टिप्पणी से मुझे कोई शिकायत नहीं थी, हां इसके प्रभाव को लेकर मैं आशंकित जरूर था। उम्मीद है कि आप मेरी इस सदाशयता को समझेंगे।
@ Abhishek Mishra जी,
डीलीटेड कमेंट्स से कहानी में ट्विस्ट नहीं भूचाल आया था :)
HAATH KANGAN KO AARSI KYA.......
ReplyDeleteAUR PADHE LIKHE KO FARSI KYA....
आशीष जी , कुछ तो लोग कहेंगे लोगो का काम ही है कहना
ReplyDeleteअब जब आपको अमिताभ बच्चन बना ही दिया गया है तो सभी लोग जानते भी होंगे के अमिताभ बच्चन को आल इंडिया रेडियो ने यह कहकर नकार दिया था के आपकी आवाज़ अच्छी नहीं है ,बाद में वही आवाज़ अमित जी के पहचान बनी
मैं आपको दुष्यंत कुमार की एक कविता समर्पित करना कहूँगा जो आपको प्रोत्साहित भी करेगी इसी तरह ब्लॉग्गिंग करने के लिए
इस नदी की धार में ठंडी हवा आती तो है,
नाव जर्जर ही सही, लहरों से टकराती तो है
एक चिनगारी कही से ढूँढ लाओ दोस्तों,
इस दिए में तेल से भीगी हुई बाती तो है
एक खंडहर के हृदय-सी, एक जंगली फूल-सी,
आदमी की पीर गूंगी ही सही, गाती तो है
एक चादर साँझ ने सारे नगर पर डाल दी,
यह अंधेरे की सड़क उस भोर तक जाती तो है
निर्वचन मैदान में लेटी हुई है जो नदी,
पत्थरों से, ओट में जा-जाके बतियाती तो है
दुख नहीं कोई कि अब उपलब्धियों के नाम पर,
और कुछ हो या न हो, आकाश-सी छाती तो है !!
amiT jaiN
कुछ अधिक नहीं - ’अ’मतलब अमिताभ, ’अ’ मतलब आशीष ।
ReplyDeleteरचना जी की टिप्पणी मैंने मन से पढ़ी ।
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ReplyDeleteआशीष जी , बहुत खूब आप तो वास्तव में अ से अमिताभ ही निकले । देखो तो कद में भले ही लंबू ना हों किंतु ब्लॉगिंग में आप बडे लंबे निकल गए हैं । तभी तो एक ही पोस्ट के लिए इतनी सारी टिप्प्णीयां शायद ही किसी और ब्लॉगर को मिली होंगी ? हां रही बात फुरसतियाजी की सो वो तो ब्लॉगर जगत के गुरू सरीखे हैं । सही मायने मैं फुरसतियाजी ने जिस ब्लॉग के लिए ट्प्प्णी कर दी तो समझ लो कि वो ब्लॉग खुद ब खुद ब्लॉग की दुनिया में फ़ेमस हो गया ।
ReplyDeleteबहरहाल आपके द्वारा दी गई जानकारियां व आपका लेखन लाज्बाव है
शशि सिंघल
www.meraashiyana.blogspot.com
आशीष जी , बहुत खूब आप तो वास्तव में अ से अमिताभ ही निकले । देखो तो कद में भले ही लंबू ना हों किंतु ब्लॉगिंग में आप बडे लंबे निकल गए हैं । तभी तो एक ही पोस्ट के लिए इतनी सारी टिप्प्णीयां शायद ही किसी और ब्लॉगर को मिली होंगी ? हां रही बात फुरसतियाजी की सो वो तो ब्लॉगर जगत के गुरू सरीखे हैं । सही मायने मैं फुरसतियाजी ने जिस ब्लॉग के लिए ट्प्प्णी कर दी तो समझ लो कि वो ब्लॉग खुद ब खुद ब्लॉग की दुनिया में फ़ेमस हो गया ।
ReplyDeleteबहरहाल आपके द्वारा दी गई जानकारियां व आपका लेखन लाज्बाव है
शशि सिंघल
www.meraashiyana.blogspot.com
hum kabhi raste nahin dhundhte blaki raste humen dhundhte hain
ReplyDeletebahoot hi gyanvardhak ,rochak jankari jiska bharpur upyog kiya ja sakta hai
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