जानते हैं एक-एक कर इन एग्रीगेटर्स से ब्लॉग जोड़ने का तरीका-
नारद
नारद खुद को बिना तामझाम वाला संकलक बताता है। इसका कारण भी है। यहां ब्लॉग की पोस्ट देखना और अपना ब्लॉग नारद से जोड़ना काफी आसान है। वैसे तो नारद का दावा है कि हिन्दी ब्लॉग बनते ही नारद उसे खुद से जोड़ लेता है। फिर भी अगर पोस्ट नहीं दिखे तो अपने ब्लॉग के पते को नारद को ई-मेल कर दीजिए। नारद कहता है-
आप ब्लॉग बनाए और बाकी हम पर छोड़ दें। नारद तीव्र के दरवाज़े हर हिन्दी ब्लॉग के लिए खुले है, जोड़ने घटाने के लिए किसी पत्राचार की आवश्यकता नहीं है। फिर भी यदि आपका हिन्दी ब्लॉग यहाँ नहीं दिख रहा है तो आप हमें sunonarad at gmail dot com पर ईमेल करें, यदि आपका ब्लॉग हिंदी में है तो हम उसे यहाँ दिखा देंगे।
नारद से जुड़ने का एक फायदा और है। याहू हिन्दी ब्लॉग्स में हिन्दी चिट्ठे नारद की फीड से ही दिखाए जाते हैं।
चिट्ठाजगत
चिट्ठाजगत खुद को कुछ यूं परिभाषित करता है।-
चिट्ठाजगत, चिट्ठों का संकलक है, यानी दुनिया भर में जहाँ से भी लोग हिन्दी में चिट्ठे लिख रहे हों, उनकी ताजे लेखों का संकलन चिट्ठाजगत पर आपको मिलेगा। लेखों का शीर्षक, और थोड़ा सा अंश यहाँ मिलेगा, ताकि अपनी पसंद के अनुसार नए लेखकों के बारे में आप जान पाएँ, और पुराने पसंदीदा चिट्ठों के ताज़े लेख भी पढ़ सकें।
चिट्ठाजगत पर चिट्ठा जोड़ने के लिए पढ़ें- मेरा चिट्ठा शामिल करें
कुछ और काम की जानकारियां यहां से ली जा सकती हैं-दो सेकण्ड में लेख चिट्ठाजगत पर छापें
चिट्ठाजगत संकलक के उपयोक्ताओं के लिए काम की जानकारी यहां मिलेगी-
ब्लॉगवाणी
कोई भी नया हिन्दी ब्लॉग ब्लॉगवाणी पर जोड़ने के लिए बस इस लिंक पर क्लिक कर ब्लॉग का पता भर दीजिए। । शीघ्र ही ब्लॉग इस एग्रीगेटर से जुड़ जाएगा। अगर आप यहां अपना लेख अतिशीघ्र छापना चाहते हैं तो इसका एक कोड अपनी साइडबार में लगा लीजिए। यह कोड ब्लॉगवाणी की वेबसाइट पर मौजूद है।
हिन्दीब्लॉग्स
हिन्दीब्लॉग्स पर नया ब्लॉग जोड़ने के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं। पोस्ट को अतिशीघ्र दिखाने के लिए आपको इसका एक खास कोड अपनी साइडबार में लगाना होगा। यह कोड इसकी वेबसाइट पर मौजूद है।
aashish, tumhara pryas shandar hai. kafi knowledge badha. tips late rahenge.
ReplyDeletesurjeet
"वाह क्या कहने"इतनी त्वरित प्रतिक्रिया के लिये आप का 'साधु वाद' एवं आप को व्यक्तिगत स्तर पर मेरा "हार्दिक धन्यवाद "।
ReplyDeleteआप जो कुछ, सरल हिन्दी में "अन्य सन्दर्भों में" ज्ञान का जो सूत्र बता रहे हैं ;मेरी समझ में तो यही आ रहा है कि ,यदि कोई रुचि पूर्वक इनका गम्भीरता से गहन अध्ययन करते हुये इन्हे आत्मसात कर ले तो उसे अच्छा-ख़ासा तकनीकी ज्ञान प्राप्त हो जायेगा ,और वह उसे अन्यत्र भी दूसरे कार्यों के सम्पादन मेंप्रयोग कर सकता है ।
काफी उपयोगी सुझाव थे. एक जानकारी और चाहिए थी.जोड़े गए नए लिंक जैसे chat, lock आदि बॉटम पर हैं, इन्हे दाहिने कॉर्नर पर लाना चाहता हूँ. क्या करना चाहिए? (abhi.dhr@gmail.com)
ReplyDeleteThanks a lot my friend for such a useful information and links you have provided.
ReplyDeleteRegards,
hey its wonderful....really liked it
ReplyDeleteit is so easy and user friendly...thanx
aapke sujhav bahut hi upyogi hai.aapko bahut bahut dhyanyavad.
ReplyDeleteआपके द्वारा ऊपर प्रदर्शित नारद, ब्लागवाणी व हिन्दी ब्लाग कोई भी दी गई लिंक पर नहीं खुलते । नारद का तो ई-मेल पता भी गलत दिखाता है ? ऐसे में इन ब्लाग्स से जुडने के लिये मुझे क्या करना चाहिये ? कृपया मार्गदर्शन शीघ्र दें । धन्यवाद सहित....
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