आज जैसे ही अपने एक ब्लॉग पर पोस्ट पब्लिश की तो प्रकाशन की सूचना के साथ ही गूगल की ओर से दिए गए विज्ञापन के दर्शन हुए। यह परिवर्तन देख कर चौंकना लाजिमी था, क्योंकि मैं पिछले करीब पांच साल से ब्लॉगर के संपर्क में हूं और यह पहला मौका है, जब ब्लॉगर ने इस तरह से प्रयोक्ता की आजादी में खलल डाला है।
खैर इसका ब्लॉगर को अधिकार है, क्योंकि वह इतने प्रयोक्ताओं को मुफ्त सुविधा मुहैया करा रहा है और ऐसे में अगर वह अपने आर्थिक लाभ के लिए विज्ञापन दिखा रहा है तो इसे गलत नहीं ठहराया जा सकता।। गौरतलब है कि 2003 में गूगल ने ब्लॉगर को अधिगृहीत कर लिया था।
चिंता का विषय यह है कि अगर विज्ञापन डैशबोर्ड तक ही सीमित रहे, तो कोई बात नहीं, क्योंकि ये केवल प्रयोक्ता को ही दिखेंगे। लेकिन अगर ये विज्ञापन ब्लॉग की साइडबार में दिखाए जाने लगे तो ये सभी लोगों को अखरने लगेंगे। इस चिंता का आधार यह है कि हाल ही गूगल ने अपनी अधिगृहीत की गई एक अन्य वेबसाइट ऑरकुट पर भी विज्ञापन दिखाना शुरू कर दिया है। वहां विज्ञापन सभी लोगों को दिखाए जाते हैं औऱ उसका आर्थिक फायदा केवल गूगल को होता है।
चिट्ठा लेखक अपने ब्लॉग पर बहुत मेहनत करता है और इसी वजह से उसे पढ़ने के लिए पाठक आते हैं। इस बात में भी दोराय नहीं कि चिट्ठा लेखक चाहता है कि उसकी मेहनत का फायदा उसे ही मिले। इस विज्ञापन के दिखाई देने के बाद मेरे मन में अपने डोमेन नेम और अपने ही स्पेस पर जाने का विचार हावी हो रहा है और फुरसत मिलते ही मैं ऐसा करने का मन बना रहा हूं।
अगर आप भी अपने चिट्ठे को लेकर गंभीर है और अपने हित में इसका विस्तार करना चाहते हैं तो मेरी यही सलाह है कि कम से कम अपना डोमेन नेम रजिस्टर करा कर उस पर शिफ्ट हो जाना चाहिए, जिस तरह पिछले दिनों ताऊजी ने अपने ब्लॉग rampuriapc.blogspot.com को taau.taau.in पर शिफ्ट किया है। इस बारे में अगर आपको विस्तार से जानकारी चाहिए तो टिप्पणी के जरिए मुझसे संपर्क कर सकते हैं।
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Tuesday, June 16
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ब्लॉगर डैशबोर्ड पर विज्ञापन देख चौंकिएगा नहीं!!!
About Ashish Khandelwal
वर्ष 2003 से विज्ञान एवं तकनीकी विषयों पर लेखन। देश के प्रतिष्ठित समाचार पत्र—पत्रिकाओं में तीन हजार से अधिक आलेख प्रकाशित। 'राजस्थान पत्रिका' में पिछले नौ वर्ष से साप्ताहिक कॉलम 'टेक गुरु' का प्रकाशन। डिजिटल और सोशल मीडिया विशेषज्ञ। सम्पर्क करें: com.ashish@gmail.com
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मैं भी आदित्य के ब्लोग को शिफ्ट करने की सोच रहा हूँ.. पर निर्णय नहीं कर पा रहा.. मुझे लगता है एसा करने से कहीं झंझट में न पड़ जाऊं?
ReplyDeletejankari de ki kese domain regd. karu
ReplyDelete@ रंजन जी, आप बिल्कुल भी परेशान ना हॊं. आप किसी भी परेशानी मे नही पडेंगे और मैं भी आशीष जी की सलाह मुताबिक ही अपने डोमेन पर शिफ़्ट हुआ हूं. कहीं कोई परेशानी नही है बल्कि इसके जो मजे हैं वो मैं आपको फ़ोकट मे नही बताऊंगा..:) मीठाई खाकर बताऊंगा.
ReplyDeleteregistration to hamen bhi karwana hai par kaise aur kahaan ye pataa nahin, vistar se bata kar bhalaa karen.
ReplyDeleteDear
ReplyDeletepls. let us know the procedure of shift to own domin name.
regards
Mujhe bhi yaha jankari dejiyega...
ReplyDeleteआशीष जी अपना डोमेन रजिस्टर ब्लोगर पर करें या अन्य जगह होस्टिंग लेनी चाहिय | मैंने ज्ञान दर्पण .कॉम ब्लोगर पर ही रजिस्टर कर रखा है | क्या इसे होस्टिंग सर्वर पर ले जाना चाहिए | मैंने एक सर्वर पर ४० जी बी होस्टिंग स्पेस भी ले रखा है |
ReplyDeleteगुड़ से दोस्ती, गुलगुलों से परहेज़ !
ReplyDeleteमुझे कोई फिलहाल कोई ऐतराज़ नहीं.
आशीष इसके लिए क्या करना होगा, वुस्तृत जानकारी दें। मैं बहुत समय से इस पर विचार कर रहा हूँ।
ReplyDeleteमेरा Email: IIVRglobal@Gmail.com
आशीष जी, इस पोस्ट के लिए हार्दिक धन्यवाद...मैं भी ब्लॉगर से शिफ्ट करने की सोच रही हूँ. विज्ञापन मुझे बिलकुल अच्छे नहीं लगते, कमसे कम चुनने की आजादी तो होनी ही चाहिए की आपकी साईट पर कौन से विज्ञापन आ रहे हैं...ऑरकुट के बाद निश्चय ही ब्लॉगर की बारी है. उम्मीद है उससे पहले मैं शिफ्ट कर चुकी होउंगी. इस पर ज्यादा डिटेल दीजिये please.
ReplyDeleteइस सम्बन्ध में आगे भी और जानकारी देने का कष्ट करे.
ReplyDeleteब्लॉगर रखते हुए भी किसी डोमेन नाम पर शिफ्ट किया जा सकता है, उसकी थोड़ी इच्छा जगी है.
ReplyDeleteलगता है गूगल को भी मंदी की मार झेलनी पड़ रही है इसीलिए वो नॉवा कमाने के नए नए तरीके ईजाद कर रहा है. पर, जैसा कि काजल जी ने सही कहा - फोकट की सुविधा आखिर कोई कब तक दे सकता है भला?
ReplyDeleteरहा सवाल खुद के डोमेन खरीदने का, तो अभी तो ठीक है, 5-10 साल जब तक आप हैं या आपके पास माद्दा है, इच्छा है, पैसा है तब तक तो आप उस साइट को जैसे तैसे मेंटेन करते रहेंगे. आपके बाद क्या? या आपकी इच्छा शक्ति डूब गई तो क्या? 404 पेज एरर?
तो, जब तक आप कोई ट्रस्ट बनाकर अपने डोमेन का भविष्य सुरक्षित नहीं करते, मेरे विचार में डोमेन लेने के लिए एक मर्तबा और सोच लेना चाहिए
Is sambandh mein ek vistrit post ka hi anurodh karunga, taki adhikadhik Blogger ek sath labhanvit ho sakein.
ReplyDeleteरवि ने सब कह ही दिया हैं , बाकी बस इतना ही
ReplyDeleteकहना हैं की जो चीज़ फ्री हैं उसके लिये पैसा
क्यूँ खर्चना . आज कल मंदी के दौर मे लोग वेब
साईट की जगह ब्लॉग से काम चलाते हैं
और आप उल्टा सोच रहे हैं .
विज्ञापन से क्या फरक पड़ता हैं ?? और क्या
आप का लिखा इतना ऐतिहासिक हैं की सदियों
तक पीढी दर पीढी लोग उसको पढे गे . अगर हां
तो जरुर डोमेन ले ले वर्ना मुफ्त का चन्दन
घिसने मे ही समझदारी हैं
kripaya blog shifting k prakaran par prakash dalne ki kripa karen....
ReplyDeleteHimanshu Pandey
आशीष जी, हम पूर्णतया जानकारी चाहते हैं इस सम्बंध में । अतः एक विस्तृत प्रविष्टि (जैसा अभिषेक ने कहा) लिख कर इस पर प्रकाश डालें ।धन्यवाद ।
ReplyDeleteआशीष जी जलेबी दिखा तो दी है,
ReplyDeleteपरन्तु खाने को भी तो दो ना।
विस्तार से जानकारी चाहिए।
आभार सहित-
आशीष जी, हम भी इस विषय की विस्तृ्त जानकारी की प्रतीक्षा में है बैठे हैं।
ReplyDeletedhanyvaad ashishji iski jaankari agar aur detail me de saken to bahut kripa hogi
ReplyDeleteआशीष जी मैं ने २००४ में २ साल के लिए अपना डोमेन लिया था खुद ही डिजाईन की थी साईट और Ftp के ज़रिये खुद ही maintain भी करती थी. उस समय १० जीबी मात्र के स्पेस के लिए पांच हज़ार रूपये दिए थे.उस में १ ईमेल अकाउंट भी मिला था.
ReplyDeleteफिर ब्लॉग का मालूम हुआ तो ब्लॉग खोल लिया -साईट बंद कर दी.
आज कल किस रेट पर वेब स्पेस मिलती है और उस के साथ और क्या सुविधाएँ?
डोमेन रजिस्टर करने में क्या खर्चा है?
डॉट कॉम और डॉट इन में कौन सा बेहतर होगा..??
आज तो डेशबोर्ड भी बडे अजीब ढंग से डिसप्ले हो रहा है..
aaj aap ke embedded comment box nahin click hua---is liye yah pop-up method kaam ayaa...shukriya
ताऊ के ब्लॉग पर जो किसी ने धमकी दी है उसे पकडिये न...
ReplyDeleteवैसे ये जानकारी देकर आपने अच्छा किया...
मीत
बढ़िया जानकारी.
ReplyDeleteजी हां आशीष जी विस्तार से जानकारी दीजिये.
ReplyDeleteविस्तृत पोस्ट के इंतज़ार में ....
ReplyDeleteवीनस केसरी
॒ ताऊ
ReplyDeleteजब रंजन से मिठाई खा लो तो हमें भी बता देना.
नाम लिए बैठे हैं बाकि कोई सज्जन मदद कर दे तो लाठी टेकते पीछे चल देंगे. :)
नहीं चौन्केगे भाई...
ReplyDeleteमेरा मानना है कि ब्लोगर पर रहने मे तब तक कोई परेशानी नही है जब तक की कोई भारी भरकम विज्ञापन नही डाले । वैसे भी फ्री की चीज वो भी लम्बे समय तक की सुरक्षा की गारंटी गुगल ही दे सकती है । जैसे जैसे समय बीतेगा निर्णय ले लिया जायेगा ।
ReplyDeleteदोस्तों आप परेशान न हो क्योंकि ब्लॉगर को पता है की अगर उसने आपके ब्लॉग पर एसा कुछ किया तो उसका खामियाजा उसे ही भुगतना पड़ेगा क्योंकि ब्लॉगर ने इस सबके लिए इतनी महनत करी है की वो इसे खराब नहीं करेगा और एक बात ये भी है की ९०% लोग इसपर इसलिए ब्लॉग बनाते हैं क्योंकि इसपर हर तरह की आजादी है तो आप सोच लीजिए वो अगर आपकी आजादी छीनेगा तो उसका क्या होगा ! मुझपर विशवास कीजिए गलत नहीं कह रहा हु इसलिए चिंता मत कीजिए !
ReplyDeleteअच्छा, तो ये बात है. ऑरकुट पर भी अब तो विज्ञापन आने लगा है.
ReplyDeleteचौंकना कैसा
ReplyDeleteआज विज्ञापन दिखें
गे
तो कल नोट भी मिलेंगे
ब्लॉगिंग का भविष्य
गोल्डन गोल्डन हुआ जा रहा है।
अब समझे
इसी चक्कर में
गोल्ड की दरें उपर को
जा रही हैं रोजाना।
आशीष जी,
ReplyDelete"जो बोले वो कुन्डी खोले"
तो अब इतनी जानकारी आपने दे दी और बाकी भी आप ही दीजिये। आपकी पोस्ट का इन्तज़ार रहेगा।
आपसे शिकायत है हर बार आप मुझे मेल करने के लिये कह्ते है और मेरी मेल का जवाब नही देते है। ये गलत बात है
काशिफ आरिफ जी मेल में आशीष जी यह तो नहीं लिखते होंगे कि जवाब भी देंगे, तो फिर उनसे शिकायत क्यों और कैसी
ReplyDeleteआशीष भाई, धन्यवाद। आपने अच्छा मुद्दा उठाया है। ब्लॉगर पर निर्भरता से परे हटकर दूसरे विकल्पों पर भी विचार करना जरूरी प्रतीत होता है। इस दिशा में हमारा मार्गदर्शन करते रहें।
ReplyDeleteplz write about how to transfer everything form blogger to self hosted domain ?
ReplyDeleteआशीष जी
ReplyDeleteअच्छी जानकारी दी । साधुवाद!
ब्लॉगर bhoootbhooot@gmail.com ने कहा…
ReplyDeleteप्यारे दोस्तों थोड़ा मुझको प्यार दे ना !!..........मैं आप सबों से बहुत प्यार करता हूँ......!!......सच !!मैं भूत बोल रहा हूँ.....!!
भाईयों और भाईयों.......अभी कुछ दिन पहले मेरा पुराना ब्लॉग "बात पुरानी है"और जी.मेल अकाउंट के पास्वोर्ड को किसी शरारती भाई ने तोड़-मरोड़ दिया है....जिससे मेरे ही अकाउंटों तक मेरी पहुँच असंभव हो गई है....भूतों से आदमी की शरारत वैसे कोई नई बात तो नहीं....मगर ज्यादा शरारत ये कोई अच्छी बात नहीं है....नहीं है ना....!!भईया मेरे कौन हो आप...मेरे बाप.....मेरे बीते हुए दिन लौटा दो....लौटा दो ना.....प्लीज़.....!!
Thanks for educating and sensitising Blogers on the issue.
ReplyDeletewith regards,
MAIN APKI BAAT SE SEHMAT NAHI HOON....
ReplyDelete...YA GOOGLE KI SERVICE HAI AUR WO CHAHE TO KAR SAKTA HAI...
...HAAN AS IN INDIVIDUAL MAIN CHAOONGA KI US VIGYAPAN KA KUCH ANSH MUJHE BHI MILE....
LEKIN AGAR NAHI MILTA HAI TO LOGICALLY AND LEGALLY IT'S FINE...
सटीक जानकारी के लिए धन्यवाद् .
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