टेक्नोलॉजी और निवेश में रुचि रखने वाले लोगों के लिए क्रिप्टोकरेंसी हमेशा दिलचस्पी का विषय रही है। पिछले कुछ समय में भारत में क्रिप्टो में निवेश बेतहाशा बढ़ा है और इसके हाई रिटर्न ने लोगों को आकर्षित किया है। हालांकि यह काफी वोलेटाइल है और कोई नियामक नहीं होने की वजह से इसमें निवेश जोखिमभरा है।
क्रिप्टोकरेंसी के बारे में और जानकारी देता मेरा एक आलेख राजस्थान पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।
क्रिप्टोकरेंसी डिजिटल एसेट है, जिसमें ब्लॉकचेन के माध्यम से हर ट्रांजेक्शन का रिकॉर्ड रखा जाता है। यह किसी बैंक या संस्था द्वारा रेगुलराइज नहीं की जाती। आप इसमें निवेश क्रिप्टो एक्सचेंज के माध्यम से कर सकते हैं। यह शेयर मार्केट की तरह ही है, लेकिन इसमें आप 24 घंटे ट्रांजेक्शन कर सकते हैं। क्रिप्टो एक्सचेंज के माध्यम से आप जब चाहें, इसे खरीद और बेच सकते हैं और अपने मूल्य को भारतीय मुद्रा में बदल सकते हैं।
क्रिप्टोकरेंसी की भारत में वैधता
भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर न तो रोक लगाई गई है और न ही इसे मंजूरी दी गई है। यानी वर्तमान समय में इसमें निवेश अपने जोखिम पर किया जा सकता है। उम्मीद है कि अगले बजट सत्र में क्रिप्टो रेगुलेशन के लिए एक विधेयक लाया जाएगा। रिजर्व बैंक अपनी खुद की डिजिटल करेंसी पर भी विचार कर सकता है।
निवेश कर रहे हैं तो इन बातों का रखें ध्यान
- क्रिप्टो एक्सचेंज: भारत में कई ऐप्स क्रिप्टो एक्सचेंज की तरह काम कर रहे हैं। कॉइनडीसीएक्स, जैबपे, वजीरएक्स, कॉइनस्विच कुबेर, यूनोकॉइन जैसे ऐप्स पर आप पेन कार्ड और आधार कार्ड के माध्यम से अपना अकाउंट खोल सकते हैं।
- ब्लू चिप क्रिप्टो: एक्सचेंज पर आपको खरीदने के लिए कई क्रिप्टोकरेंसी मिलेंगी। आप इनमें से ब्लू चिप क्रिप्टो करेंसी का चयन करेंगे तो बेहतर होगा। बिटकॉइन, इथेरियम, कार्डनो जैसी कुछ करेंसी को निवेश के लिए उपयुक्त माना जाता है। रिसर्च करें और उसके बाद ही इनमें निवेश करें।
- सचेत रहें: यह ट्रेडिंग आप ऐप के जरिए करेंगे, इसलिए आपको अपने मोबाइल या कंप्यूटर को डिजिटली सेफ रखना जरूरी है। इसके अलावा क्रिप्टो का मूल्य बहुत जल्द गिरता और बढ़ता है, इसलिए निवेश की सीमा तय करना जरूरी है। भारत में जल्द ही क्रिप्टो का नियामक कानून बन सकता है, जिसका असर निवेश पर हो सकता है।
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