अगर ब्लॉग पर एक छोटा सा ऐसा बटन लगा दिया जाए, जो ब्लॉग का दुनिया की किसी भी भाषा में अनुवाद कर सके, तो बुराई ही क्या है। हो सकता है कि दूसरी भाषा का पाठक आपके लेख से जो जानकारी पाना चाहता है, उसे वह इस आंशिक अनुवाद से ही मिल जाए। इसी वजह से मैं आज आपके लिए गूगल ट्रांसलेट विजेट पेश कर रहा हूं। यह आपके ब्लॉग की साइडबार में कुछ ऐसा दिखेगा-
इसे आप अपने ब्लॉग पर नीचे दिए गए बटन की मदद से आसानी से लगा सकते हैं-
यह तो आपको पता होगा ही कि चिट्ठाजगत के गिरगिट और ब्लॉगवाणी के इंडीनेटर की मदद से ब्लॉग को भारतीय भाषाओं की लिपियों में रूपांतरित (अनुवाद नहीं) किया जा सकता है। आप गिरगिट को यहां से और इंडीनेटर को यहां से अपने ब्लॉग पर ले जा सकते हैं।
अब एक जरूरी सूचना- अगर आप अंग्रेजी को पसंद नहीं करते हैं तो यह सूचना आपके लिए है। कई बार कुछ ज़रूरी वेबसाइटें देखनी पड़ती हैं और अगर उनकी सामग्री अंग्रेजी या किसी दूसरी भाषा में होती है, तो उन्हें पढ़ने की इच्छा ही नहीं होती। मैं आपको एक ऐसा बटन दे रहा हूं, जो किसी भी वेबसाइट को हिन्दी में अनुवादित कर देता है। हालांकि यह अनुवाद स्तरहीन हो सकता है, लेकिन फिर भी आप हिन्दी में यह तो समझ ही सकते हैं कि आखिर उस वेबसाइट पर क्या बात हो रही है।
Translate in Hindi
ऊपर लिखे गए Translate in Hindi पर राइट क्लिक कीजिए औऱ "Add to Favorites" का विकल्प चुन लीजिए। इसके बाद जैसे ही आपको किसी वेबपेज का अनुवाद करने की जरूरत हो तो आप Favorites लिस्ट में जाइए और Translate in HINDI पर क्लिक कर दीजिए। पल भर में आपका वेबपेज हिन्दी भाषा में रूपांतरित हो जाएगा।
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bahut acchi jankari .
ReplyDeleteहाँ गूगल ट्रांसलेट है तो थोडा बहुत काम का पर वो हिंदी की अंग्रेजी करते वक़्त कुछ का कुछ कर देता है .....फिर भी काफी हद तक लाभकारी भी है ...थोडा बहुत मतलब तो समझ ही सकता है इंसान
ReplyDeleteअब तक हिंदी में अर्थपूर्ण अनुवाद के लिए नेट पर कोई साधन नहीं है. इसके लिए कुछ हद तक हम लोग भी दोषी हैं. गूगल में अनुवाद सुझाने का भी प्रावधान है. यदि हम सब उसका प्रयोग करें तो आगे चलकर अनुवाद सही होने लगेगा.
ReplyDeleteबहुत बढ़िया लगा यह ..शुक्रिया
ReplyDeletesunder sir
ReplyDeleteगूगल अनुवाद के इस विजेट के लिये धन्यवाद । Translate in Hindi का लिंक भी बहुत उपयोगी है ।
ReplyDeleteउपयोगी जानकारी के लिए धन्यवाद।
ReplyDeleteआज तो बहुत ही काम की जानकारी मिली. धन्यवाद.
ReplyDeleteरोचक! मेरा सबस्टेंशियल ट्रेफिक गिरगिटमय है! आज एक सज्जन मेडागास्कर के पास से अंग्रेजी रूपान्तरित मेरी दो तीन पोस्टें खंगालते मिल गये! :-)
ReplyDeleteमैं तो सारी कमियों के बावजूद गूगल ट्रान्सलेट को बहुत उपयोगी पाता हूँ। जापानी, जर्मन, फ्रेंच, रूसी भाषाओं से अनुवाद करने पर एक से एक उपयोगी बातें (मुख्यत: तकनीकी/व्यावसायिक) मिल जाती हैं जो अंग्रेजी में नहीं मिलतीं।
ReplyDeleteआशीष शानदार काम है....सचमुच..बधाई के पात्र हो....एक बार मेरी चिटठा जगत के विपुल से भी बात हो रही थी ,उनका कहना यही था लोग बहुत सारी चीजो का इस्तेमाल नहीं कर ते .कल अक्षत विचार पे यही पोस्ट थी...अभी छुट्टी पे जा रहा हूँ पर तुम्हारी इस पोस्ट का यकीनन इस्तेमाल होगा....जमे रहो ..
ReplyDeleteभाई आप ऐसे ही ज्ञान लुटाते रहिये हम तृप्त होते रहेंगे . धन्यवाद
ReplyDeletehindi kae liyae yae suvidha bahut late shuru hui haen par english aur anya bhasho mae altavista babel fish translation tool pichlae dus saal sae mae itamaal kar rhaee hun aur bahut kaamyab tool hae
ReplyDeleteआज से लगभग 3 साल पहले ऐसा ही एक गैजेट अपने एक मित्र के ब्लौग पर देखा था और सोच में आ गया था कि ऐसे कैसे उसने लगाया है.. फिर कुछ मैंने भी गूगलियाया और इसकी जानकारी मिली.. उस समय यह हिंदी के लिये नहीं था.. मगर आज यहां से मिली जानकारी से दिल बाग-बाग हो गया.. :)
ReplyDeleteबहुत उपयोगी, मगर थोड़ी और बेहतरी की गुंजाईश भी.
ReplyDeleteआपने बहुत अच्छी जानकारी दी है । वैसे पुराने लोगो को तो शायद मालूम है लेकिन अभी भी बहुत से नये लोग इसके बारे मे नही जानते है । पूछ ताछ करते है । अगर सब कुछ हिन्दी मय हो जाये तो वह दिन दूर नही जब हिन्दी भाषा का संसार मे वर्चस्व होगा । और सबसे ज्यादा फायदा तब मिलेगा जब हिन्दी व्याकरण का कोई प्लग इन इजाद हो जायेगा । अभी तो फिलहाल हिन्दी शब्दकोश वर्तनी जांचक से ही काम चलाया जा सकता है ।
ReplyDeleteअच्छी जानकारी,आभार आपका।
ReplyDeleteबढि़या है आशीष। अनुनाद जी की बात से भी सहमत हूं और सुब्रह्मण्यन साहब की बात से भी। जितने ज्यादा लोग गूगल को सही अनुवाद सुझाएंगे, उतना बेहतरीन अनुवाद होता चला जाएगा। दिक्कत यह है कि हम भारतीय लेना तो जानते हैं मगर देना नहीं।
ReplyDeleteशुक्रिया
उपयोगी जानकारी के लिए धन्यवाद।
ReplyDeleteregards
आशीश भाई,
ReplyDeleteप्रणाम!
आपकी जानकारी इतनी रोचक है फिर भी मैं कोशिश करके भी ट्राँसलेशन का बटन अपने ब्लॉग पर नहीं लगा पाया। आपके पास समय हो तो मेरा छोटा सा ब्लॉग ज़रूर देखें और सबसे ऊपर बाँईं ओर देखे कि आपके द्वारा सुझाई गई विधि द्वारा मैने बटन तो लगाया लेकिन लगा कैसे? उम्मीद करता हूँ कि आपकी मदद हमेशा की तरह मिलेगी।
बहुत सुंदर जानकारी दी ... धन्यवाद।
ReplyDeleteबहुत बढ़िया आशीष जी..
ReplyDeleteइसे ब्लॉग पर तो लगा लिया...
लेकिन यह जो add to favourite वाला आप्शन है वो सिर्फ internet Explorer पे ही कम कर रहा है... opera में तो add to favourite का आप्शन ही नहीं आ रहा...
मीत
achchhi lagi jaankari. dhanybaad.
ReplyDeleteउपयोगी जानकारी शुक्रिया..
ReplyDeleteबहुत ही उपयोगी जानकारी........धन्यवाद
ReplyDeletebahut hi badiya jaankari hai bahut bahut dhanyvad
ReplyDeletejai ho gurudev...badhiya jaankaari
ReplyDeletebahut achhi jaankari di hai aapne........
ReplyDeletepoore blog jagat par aap bahut bada ahsaan kar rahe hai ji. dil se DHANYAWAD
ReplyDeletebahut bahut dhanyavaad
ReplyDeletethank u very much for this precious information ..
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