क्या बेनामी टिप्पणियों ने इन दिनों ब्लॉग जगत में हलचल मचाई हुई है? डॉ. रूपचंद्र शास्त्री मयंक जी की इस पोस्ट और मुंबई टाइगर ब्लॉग पर इस पोस्ट को पढ़ने से तो कुछ ऐसा ही लगता है। कोई बेनामी टिप्पणी कर शांत पानी में कंकड़ उछालता है और उसके बाद जैसे प्याले में तूफान आ जाता है। मुंबई टाइगर जी ने तो इस तरह की बेनामी टिप्पणियों के लेखक का पता लगाने की मुझसे अपील तक की है-
यहां मेरा जवाब है कि ब्लॉगर पर यह एक लाइलाज बीमारी है और इसका बचाव ही उपचार है।
मैं अनुरोध करना चाहूंगा कि अगर ब्लॉगर पर बेनामी टिप्पणी के लेखक का आप पता लगाना चाहते हैं, तो यह न तो फिलहाल संभव है और न ही नैतिक रूप से प्रशंसनीय। टिप्पणी की यह सुविधा है ही इसलिए, ताकि कोई अपनी गोपनीयता बरकरार रखते हुए अपनी बात कह सके। आपको यह मंजूर नहीं है तो या तो आप केवल पंजीकृत पाठकों को ही टिप्पणी का अवसर दें या फिर टिप्पणियों की प्रकाशन पूर्व स्वीकृति वाला विकल्प चालू रखें।
पुराने साथी बचाव की ये सभी तकनीकें अच्छे तरीके से जानते हैं। लेकिन नए साथियों के लिए यह जानना जरूरी है कि वे बचाव किस तरह कर सकते हैं। उनके लिए मैं तीन तरह के हथियारों की जानकारी दे रहा हूं-
हथियार-1
केवल पंजीकृत पाठकों को ही टिप्पणी का मौका दें-
इसके लिए ब्लॉगर पर साइन इन कीजिए। सैटिंग्स में जाइए। कमेंट्स में जाइए और नीचे चित्र में दिखाए अनुसार Registered Users - includes OpenID विकल्प को ऑन कर दीजिए। सबसे आखिर में सैटिंग्स को सेव करना मत भूलिए।
हथियार- 2
टिप्पणियों को प्रकाशन से पूर्व जांचिए और उसके बाद प्रकाशित कीजिए- कमेंट मोडरेशन
इसके लिए ब्लॉगर पर साइन इन कीजिए। सैटिंग्स में जाइए। कमेंट्स में जाइए और नीचे चित्र में दिखाए अनुसार Comment moderation को Always पर सैट कर दीजिए। अगर आप सभी कमेंट की सूचना अपनी ई-मेल में मंगाना चाहते हैं तो यहां अपना ई-मेल पता भी भर दीजिए। सबसे आखिर में सैटिंग्स को सेव करना मत भूलिए।
हथियार- 3
अवांछित टिप्पणी को डिलीट कीजिए-
मान लीजिए आपके ब्लॉग पर तमाम सावधानी के बावजूद कोई अवांछित टिप्पणी प्रकाशित हो चुकी है और इसे हटाना चाहते हैं तो इस पोस्ट में बताए गए तरीके से आप टिप्पणी को डिलीट कर दीजिए।
ब्लॉग पर टिप्पणी का विकल्प बंद कीजिए (मेरी तरफ से अनुशंसित नहीं)- अगर आप अपने ब्लॉग पर किसी भी पोस्ट पर टिप्पणियों का विकल्प रखना ही नहीं चाहते तो नीचे दिया गया तरीका अपनाइए-
इसके लिए ब्लॉगर पर साइन इन कीजिए। सैटिंग्स में जाइए। कमेंट्स में जाइए और नीचे चित्र में दिखाए अनुसार Comments विकल्प को Hide पर सैट कर दीजिए। सबसे आखिर में सैटिंग्स को सेव करना मत भूलिए।
किसी खास पोस्ट पर टिप्पणी का विकल्प बंद कीजिए
अगर आप किसी खास पोस्ट पर टिप्पणी सुविधा को बंद करना चाहते हैं तो संबंधित पोस्ट के एडिटर में जाइए और नीचे दिए गए विकल्प को चुनिए।
उम्मीद है आपको टिप्पणियों पर पूरी तरह नियंत्रण रखने की जानकारी हो गई होगी।
क्या आपको यह लेख पसंद आया? अगर हां, तो ...इस ब्लॉग के प्रशंसक बनिए ना !!
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Tuesday, April 28
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इंतेहा हो गई ब्लॉग आतंकवाद की (टिप्पणियों पर पूरा नियंत्रण रखिए)
About Ashish Khandelwal
वर्ष 2003 से विज्ञान एवं तकनीकी विषयों पर लेखन। देश के प्रतिष्ठित समाचार पत्र—पत्रिकाओं में तीन हजार से अधिक आलेख प्रकाशित। 'राजस्थान पत्रिका' में पिछले नौ वर्ष से साप्ताहिक कॉलम 'टेक गुरु' का प्रकाशन। डिजिटल और सोशल मीडिया विशेषज्ञ। सम्पर्क करें: com.ashish@gmail.com
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आशीष जी,
ReplyDeleteकई बार आपके बारे में चर्चा देखा और आज आपको पढ़ रहा हूँ। बहुत अच्छा लगा की आप कम्प्यूटर के जानकार होने के साथ साथ बहुत अच्छा लिखते भी हैं। कभी कभी मदद के लिए गुहार लगाऊँगा।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com
प्रियवर आशीष जी!
ReplyDeleteआपने बेनामी टिप्पणीकारों की रोक-थाम के उपाय सुझाये हैं। जो बहुत अच्छे हैं।
"या तो आप केवल पंजीकृत पाठकों को ही टिप्पणी का अवसर दें या फिर टिप्पणियों की प्रकाशन पूर्व स्वीकृति वाला विकल्प चालू रखें।"
आपकी इस बात से मैं सोलहों आने सहमत हूँ।
आपने अच्छे सुझाव दिये हैं।
आप इन्हें हथियार कह सकते हैं
परन्तु मैं तो इन्हें नुस्खे ही कहूँगा।
ये रामबाण हैं।
भैया जी!
अब इन्हीं से उपचार करूँगा।
तभी विवादों से बचा जा सकता है।
इसे कहते है कम्प्यूटरी - आतंकवाद!!!
ReplyDeleteआशीष जी
ReplyDeleteमैं नहीं मानता कि हमें बेनामी टिप्पणियों के लेखकों से सावधान रहने की जरुरत हैं। अगर हम या आप लिखने के लिये स्वतंत्र हैं तो टिप्पणिकार टिप्पणी देने के लिये। हम में से भी बहूत छदम नाम से लिखते हैं, तो फ़िर हम बेनामी टिप्पणिकार को क्यों रोके। यह मेरी व्यक्तिगत राय हैं,और ऐसा नहीं हैं कि हर कोई इस से इत्तेफ़ाक रखे। लेकिन अगर हम में सच लिखने की हिम्मत हैं, तो बेनामी टिप्पणी भी बर्दाश्त करनी पड़ेगी।
बहुत सामयिक पोस्ट है. सभी इसको आजमाएं. यह काफ़ी आरामदायक है और सभी से इस बात का पल्ला कभी ना कभी पड चुका होगा. ऐसा मेरा मानना है.
ReplyDeleteरामराम.
bahut hi achhi jankari di hai.
ReplyDeleteअच्छी जानकारी दी है आपने आशीष जी ...
ReplyDeleteहथियार - 2 ही सर्वोत्तम है!
ReplyDeleteइधर समस्या उधर समाधान!
ReplyDeleteवाह आशीष जी बहुत खूब विधिवत जानकारी दी है .
आखिरी वाले आप्शन की बहुतों को जानकारी नहीं होगी शायद..जैसे पोस्ट में समय तारिख के विकल्प वाला
आप्शन बहुतों को नहीं पता था.अनाम टिप्पणीकर्ता की वजह से यह जानकारी भी मिल गयी.
टिप्पणी-रूपी आतंकवाद से निपटने के लिये इस तकनीकी AK-47 को हमारे हाथों में देने के लिये धन्यवाद!
ReplyDeleteKafi achhi tip di hai apne...
ReplyDeleteaashish bhai, bahut hee kaargar hathiyaar diye visheshkar unke liye jo benamee tippnniyon se aahat hokar kai baar blog likhna chhodne kaa man bana chuke the, vaise kai mujhe jaise bhee hain jinpar chikne ghade kee tarah koi fark hee nahin padtaa.. badhiyaa jaankaaree sir jee...
ReplyDeleteआपका द्वारा बताए गए सारे उपायों को अमल में लाने के बाद भी कह रही हूं .. कि कितना भी उपाय किया जाए .. तंग करनेवाले अपना गलत आई डी बनाकर भी कमेंट कर ही देंगे .. क्यों न सहने की शक्ति ही विकसित की जाए।
ReplyDelete@इंतेहा हो गई ब्लॉग आतंकवाद की (टिप्पणियों पर पूरा नियंत्रण रखिए)
ReplyDeleteयहां मेरा जवाब है कि ब्लॉगर पर यह एक लाइलाज बीमारी है और इसका बचाव ही उपचार है।
....
हथियार-1
केवल पाठकों को ही टिप्पणी का मौका दें-
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हथियार- 2
टिप्पणियों को प्रकाशन से पूर्व जांचिए और उसके बाद प्रकाशित कीजिए- कमेंट मोडरेशन
....
हथियार- 3
अवांछित टिप्पणी को डिलीट कीजिए-
....................................................
सेवा मे श्रीमान आशिषजी
आपने मेरे ब्लोग "मुम्बई-टाईगर" पर आपके नाम कि गई अपील की तुरत फुरत मे जो सज्ञान ली उस बात से अब मेरा भरोसा यकिन मे बदल गया है कि हमारे ब्लोग जगत के टेक्निकल टीम एक ना एक दिन इस बेनामी शब्द को नामी बनाने मे सफल होगा।
आपकी इस विशेष ब्लोग -आतंकवाद पर जारी पोस्ट का तेह दिल से स्वागत करता हू। कमेंट मोडरेशन सिस्टम ही ठीक उपाय है।
..............
क्षमा करे, मेरे मन शिष्य कि भॉति कुछ सवाल भी खडे हुऐ है आपके विशेष सलाह के बाद। अब आप डाक्टर है हम मरीज।
"बेनामी-टीपणी" को आपने लाईलाज बिमारी है और इसका बचाव ही उपचार है बताया। और तीन दर्दनिवारक गोलिया लिख दी कि बेटा लिए जा... लिऐ जा....जब तक असर रहेगा दर्द नही होगा ।
आशिषजी,
कुछ practical हुआ जाऐ- जैसे कोई नया नया ब्लोग बनाता है अक्सर पहली टीपणी करने वाला, ब्लोगर को सलाह देता है कि-
"वर्ड वेरिफेकेशन वाला ऑपशन बन्द कर दे", ताकि टिपणीकार अधिक से अधिक एवम जल्दी से जल्दी ढेर सारी टिपणीया कर सके। अर्थ हुआ पाठक के पास टाईम नही है कि वो सुरक्षा के ताम झाम मे चार वर्ड लिखना नही चाहता है।
तब यह सवाल उठता है कि पंजीकृत होने के लिऐ किसके पास वक्त है। शायद हिन्दी ब्लोग जगत मे पंजीकृत पाठकों वाले ब्लोग गिनती के ही होगे, और होगे, तो उसके पाठक ना के बराबर होगे। अगर पुरा हिन्दी ब्लोग जगत पंजीकृत सदस्ययो का रिवाज शुरु करे तो कही बात बने। अन्यथा जिस ब्लोग ने बचाव के कारण पंजीकृत सिस्टम लागु किया तो बेचारा "बेनामी टिपणीकार' कि टीपणीयो से ज्यादा अपने अकेले रहने से दुखी हो जाऐगा। अर्थ है इस तरह के ईलाज से साईड इफेक्ट कि सम्भावना है। यह उपाय लघु समय तक ठीक है दिर्धकालिन समय के लिऐ हिन्दी ब्लोग के विकास मे अडसन है।
मेरे हीसाब से इस बेनामी-टीपणी आतकवाद को छुपाकर रखने से, डिलिट करने से, मोडरेट करने से, पीडित ब्लोगर अकेला व्यथित-दुखी रहता है- क्यो कि वो ईमेल बोक्स मे पढ ही लेता है कि बेनामी ने क्या ब़का है। आखिर मे एक दो घन्टे के मानसिक सघर्ष के बाद पिडीत ब्लोगर आपकी यानी जनता कि अदलात मे पहुचता है और कुछ घन्टो बाद मामला शान्त हो जाता है।
मेरे हीसाब से दो उपाऐ है इसके प्रथम तो -
(A) नो मोडरेशन, नो पंजीकृत, नो डिलीट, नो नैतिकता, सिद्धा छाप डालो और जनता दरबार मे उस बेनामी कि धजिया उडा दो।
....
(B) दुसरा हमे चोर को प़कड कर उसे दण्डीत करने के लिऐ हमे इस ओर वैज्ञानिक अविष्कार करना चाहीऐ भले समय लगे । विदेशी सॉफ्टवेयर कम्पनियो से मदद ली जानी चाहिऐ। एवम एक अखिल भारतीय हिन्दी ब्लोग जगत मे एक ऐसा सगठन होना चाहीऐ जो सिर्फ ब्लोगरो के हीतो कि रक्षा करे, सही का पक्ष सुने, गलत को दण्डित करे, और नई नई सुरक्षा प्रणालियो को देश मे लाकर हिन्दी ब्लोग को भविष्य मे आने वाले विदेशी खतरो, चोरे से भी बचना पडेगा, अगर हम तैयार है तो मुकाबला कर पाऐगे नही तो एक एक व्यक्ती हारकर ब्लोग कि दुकाने बन्द कर देगा फिर सारथी वाले शास्त्रीजी का २०१० तक वाला सपना सपना ही रह जाऐगा।
भाई आशिषजी।
मै यह बाते आपसे इस लिऐ कह रहा हू क्यो कि मै छोटा हू और मेरा अधिकार बनता है आपको कहने के लिऐ क्यो कि मेरी जानकारी मे आप अकेले ही दिख रहे सर्जन, डॉक्टर मे, जो इसका सटिक, लाजवाब, ओर असरदार इलाज ढुढे सके। कोई भी इस बातको अन्यथा ना ले।
क्षमा करे लिखने मे शब्दो मे, भावनाओ मे, सम्बोधन मे कही आपकी भावनाओ को आहत किया हो तो सविनय क्षमा चाहता हु छोटा समझके माफ कर देना।-आभार
आपका अपना
महावीर बी सेमलानी "भारती"
हे प्रभु यह तेरापन्थ
मुम्बई टाईगर
टिप्प्णियों के यह उपाय पहले से ही उपयोग में लाये जा रहे हैं । और कुछ नया भी किसी की मनोदशा को तो बदल नहीं सकता ।
ReplyDeleteसभी नुस्खों के सम्यक परिचय के लिये धन्यवाद ।
माडरेशन सबसे अच्छा उपाय है।
ReplyDeleteRespected Shastri ji,why are you so annoyed by the views of yr readers?You are an experienced fellow and know well haow one should react in a given siyuation.
ReplyDeleteNo need to make a hue and cry on such issues.You will accept that blogging is not literature.It is a technical thing involved in different contents ie socio economic approach,literature .
arts etc.If you are not ready for comments then why on internet?
No moderation should be forced on bloggers, yes if one dont like comments ,he reserves the right to stop the flow.
With regards for you and all the winners concerned,I must say in beggining you said These bloggers have given right answers and then you are giving sahitya shree,why and for what?Computer Science is not literature,who says like this?This is a wrong impression provided.
I respect all the bloggers and have no objection for their awards but my humble request is that give right honour for right work or contribution,not Sahitya shree for a puzzle contest.It is not advisable.In short you are the chairperson and reserve the right for giving honour to anybody you wish but kindly dont try to comment on others that they dont write correct spellingof words.One cant right but can comment.You dont need to be a master in Literature to make a comment on poems of a master poet.
I have great respect for you ,bhai Ashidh ji ,Vandana Dubey ji and Udantashtari ji.But please ,dont try to be rigid,there is no threats to you all from blogger friends,no Literary Talibans have emerged and who is not happy with the comments can stop the inflow.Dont be individualistic and dont issue fatwas.With regards to everybody
sincerely
Dr.Bhoopendra
डा0 भूपेन्द्र कुमार सिंह जी!
ReplyDeleteआपको मुझसे शिकायत थी तो मेरे ही ब्लाग पर टिप्पणी करते।
आशीष जी के ब्लाग पर इस टिप्पणी का औचित्य क्या है? मेरी छोटी सी बुद्धि इसे समझने में सर्वथा असमर्थ है।
आप विद्वान ब्लागर हैं। अच्छा स्रजन करते हैं।
आपकी इस टिप्पणी का अंकन तो मेरे ब्लाग पर ही परिहार्य था।
आप यकीन माने मैं आपकी टिप्पणी को पूरा आदर सम्मान देता। लेकिन.......।
आपकी बात मुझ तक पहुँच गयी है। आपकी किसी रचना पर टिप्पणी में आपको इसका उत्तर अवश्य मिल जायेगा। लेकिन वो असंगत नही होगा। सदभावी, आपका-
अच्छी जानकारी,हमेशा की तरह। भुक्तभोगी तो बचाव मे लग गये हैं हां नये लोगों को ज़रूर मदद मिलेगी। वैसे आप लोगो पर मेरा भी भरोसा है कि एक न एक दिन आप लोग इस बीमारी का ईलाज ज़रूर ढूंढ लेंगे।
ReplyDeleteजानकारी पुरानी जरूर है लेकिन बहुत काम की है । वैसे टिप्पणी कर्ता के कुछ गलत लिख देने के बाद उसे डीलीट कर देना ही अच्छा उपाय है ।
ReplyDeleteनाम छुपाकर टिपण्णी करना पाठक का अधिकार है.. जो गूगल ने खुद दिया है ऑर जैसा आशीष जी ने कहा भी है कि ये सही है.. आखिर हम वोट भी तो अनोनम्स्ली करते है.. जो अपने ब्लॉग पर बेनामी टिपण्णी नहीं चाहते वो इस ऑप्शन को हटा दे अपने ब्लॉग से जैसा मैंने कर रखा है.. आशीष को बधाई इस विषय पर लिखने केलिए
ReplyDeleteआपके सारे टिप्स बहुत ही अच्छे होते हैं...
ReplyDeleteमैंने अपने एक ब्लॉग को दुसरे ब्लॉग पर इंपोर्ट कर लिया है। लेकिन अब मुझे लगता है की यह ठीक नही लग रहा। क्या मैं इसे हटा सकता हूं...
दूसरी बात की मैं चाहता हूँ की एक ब्लॉग का फीड दुसरे में लगा दूं क्या यह हो सकता है...
सही जानकारी दी आपने। आभार।
ReplyDelete----------
सम्मोहन के यंत्र
5000 सालों में दुनिया का अंत
bhut kam ki baat batai sukriya
ReplyDeleteplease visit my blog and give ur valuable commets.
Kasim
This comment has been removed by the author.
ReplyDeletewe are ready..
ReplyDeletewith ashish's weapon
meet
आशीष जी ,
ReplyDeleteकिसी ने मेरे ब्लॉग पे टिप्पणी की है -
youmania said...
aapka blog bahut popular hai
aap is par google ki ads kyon nahin activate karti
paisa bhi kamaiye or naam to hai hi.
April 28, 2009 11:07 PM
मैंने जानना चाहती हूँ क्या ये संभव है ....??
Harkirat Haqeer जी,
ReplyDeleteआपने गूगल की एडसेंस सेवा और हिन्दी ब्लॉग को लेकर इसकी स्थिति के बारे मे जानना चाहा है। स्पष्ट कर देना चाहूंगा कि गूगल की एडसेंस सेवा हिन्दी भाषा पर समर्थित नहीं है। ज्यादा जानकारी आपको इस पोस्ट से मिल सकती है- Monetise आया तो क्या, हिन्दी ब्लॉगर एडसेंस से उम्मीद न पालें
नमस्ते आशीष जी,
ReplyDeleteमेरे दोस्त की परेशानी यह है की उसकी ऑरकुट id के पासवर्ड को किसी ने हैक कर लिया है. तो हमें जिसने पासवर्ड हैक किया है उसका आईपी एड्रेस और लोकेशन पता करनी है. आपको पता है की साइबर crime एक बहुत बड़ा जुर्म है. अगर आप मेरी इस मामले में सहायता कर सकते है तो मैं आपका तहे दिल से सुकर्गुजार होऊंगा.
आपका अपना ब्लोगी भाई
अजय कुमार बैरी
परलीका (राजस्थान)
09460102521
नमस्ते सर,
ReplyDeleteaapse एक बात puchna चाहता हूँ की ब्लॉगर के द्वारा ब्लॉग पर ऑडियो गाने किस प्रकार लगा सकते हैं...
बताये सर,
अजय कुमार बैरी
परलीका (राजस्थान)
09460102521
yah ip adress kaise apne blog par lagaya ja skta hai bataaye
ReplyDeleteअच्छी जानकारी व उपाय ..!!
ReplyDeleteआशीष जी , हर बार की तरह इस बार भी अच्छी जानकारी दी है | लेकिन मेरी समझ से ब्लोगिंग करने वाले को ही अच्छी और बेतुकी टिप्पणी पढने के लिए खुद तैयार रहना चाहिए | अरे टिप्पणीकार तो अपनी टिप्पणी के द्वारा अपनी बात कहने के लिए स्वतंत्र है | इसलिए ब्लोगर को टिपियाते रहना चाहिए और लोगो को टिप्पणी करते रहना चाहिए |
ReplyDeleteshashi singhal
bahut hi achhi jankari di hai.
ReplyDeleteजानकारी पुरानी जरूर है लेकिन बहुत काम की है । वैसे टिप्पणी कर्ता के कुछ गलत लिख देने के बाद उसे डीलीट कर देना ही अच्छा उपाय है ।
ReplyDelete