जहां हम खड़े हो जाते हैं लाइन वहीं से शुरू होती है.. - हिन्दी ब्लॉग टिप्स

Breaking

Monday, July 13

जहां हम खड़े हो जाते हैं लाइन वहीं से शुरू होती है..

एक साल 3 महीने और 1 हफ़्ते के दौरान हिन्दी ब्लॉग टिप्स पर करीब 185 पोस्ट लिखी गईं। इतना लिखने के बावूजद कुछ खास लाइनें ऐसी भी रहीं, जिन्हें मैं कभी नहीं लिख पाया। ये खास लाइनें थीं मेरे प्रोफाइल का About me (मेरे बारे में) वर्णन। अक्सर साथी पूछते थे कि मैंने अपने बारे में कुछ क्यों नहीं लिखा। दरअसल मुझे कभी सूझा ही नहीं कि मैं अपने बारे में क्या लिखूं, क्योंकि मेरे पास अपने बारे में कुछ लिखने को था ही नहीं। वैसे मेरे पास लिखने को अब भी नहीं है, लेकिन फिर भी आप आज इस वर्णन में कुछ लिखा देख रहे होंगे।


मैं आभारी हूं अनूप शुक्ल "फ़ुरसतिया" जी का, जिन्होंने अपनी चिट्ठाचर्चा में मेरे बारे में इतनी सम्मानजनक पंक्तियां लिखीं और मेरा प्रोफाइल पूरा करने में मदद की। आखिर हीरे की परख जौहरी ही जानता है :)


मैं आभारी हूं पचास से अधिक उन सभी साथियों का (अधिकतर ऐसे जो मेरे ब्लॉग पर पहली बार आए), जिन्होंने पिछली पोस्ट क्या टिप्पणी पाने के लिए खुद भी टिपियाना ज़रूरी है ??? पर अपने मूल्यवान विचार दिए और इस सार्थक मुद्दे के सभी पहलुओं को टटोलते हुए इसे अब तक की सबसे बड़ी बहस बनाया और एक निष्कर्ष तक पहुंचाया।

मैं सभी नये नवेले साथियों की ओर से फ़ुरसतिया जी को वादा करता हूं (उनके ऐतराज के बाद) कि हम सब आईंदा किसी भी विषय पर लिखने के दौरान ध्यान रखेंगे कि कहीं उस विषय पर लेखन का अधिकार किसी ब्लॉगर विशेष के पास सुरक्षित तो नहीं। यह भी ध्यान रखेंगे कि हम पोस्ट तभी लिखेंगे, जब हमें उस पोस्ट से कुछ मिलने वाला हो। साथ ही हम यह भी वादा करते हैं कि पोस्ट लिखने से पहले इंटरनेट को पूरी तरह खंगालकर यह सुनिश्चित करेंगे कि कहीं विद्वान लोग उस विषय पर पहले कुछ कह तो नहीं चुके। अगर वे तनिक भी कह चुके होंगे तो लिंक के साथ उनका उल्लेख हम जरूर करेंगे अब तो आप सीनियर लोग नये नवेलों की रैगिंग नहीं लेंगे न :)





क्या आपको यह लेख पसंद आया? अगर हां, तो ...इस ब्लॉग के प्रशंसक बनिए ना !!

हिन्दी ब्लॉग टिप्स की हर नई जानकारी अपने मेल-बॉक्स में मुफ्त मंगाइए!!!!!!!!!!

46 comments:

  1. अच्छा ऐसा भी है??
    ज्ञानवर्धन हुआ..
    हिंदी ब्लॉग्गिंग में 'विषयों ' के कॉपीराइट किस विभाग में होते हैं?

    ReplyDelete
  2. oh... ho!.....to aisa bhi hai ! main to.... jo ji me ata hai vah likhti rahti hoon ........he he he he .........ab kya hoga ?

    ReplyDelete
  3. बधाई हो आशीष जी, चलिये इसी बहाने आपको "About Me" का matter मिल गया
    मजाक तक तो यह बात सही है लेकिन, यदि लिखने के पहले उस विषय से संबंधित सभी पोस्ट खगालने लगे तो हो चुकी ब्लॉगरी ।

    ReplyDelete
  4. अच्‍छा लगा आपके बारे में जानना।

    ReplyDelete
  5. अरे!!! ये क्या कह रहे हैं? ये कैसे सम्भव है कि पहले सारे ब्लौग्स पढे जायें फिर पोस्ट लिखी जाये? एक ही मुद्दे पर क्या अनेक लोग अपने विचार नहीं रख सकते? अगर यही करना पडा तब तो ब्लौग पर लिखना बन्द कर देना ही बेहतर है. आप मेरे ब्लौग पर आये तहे दिल से आभारी हूं.

    ReplyDelete
  6. आशीष जी आप काहे टेंशनात हैं? फ़ुरसतियाजी तो पुराने मौज लेने वाले खिलाडी हैं. थोडी सी मौज ले ली तो त का होगया?:) और देखो ना आपको अमिताभ बच्चनवा भी त बना दिये हैं. ई कोनू कम बडी बात है का? अब वरिष्ठ ब्लागरगण त वरिष्ठ रहबे ही करेगा. आप हम छुटका ब्लागर तो उनके सामने छूटका ही ना रहेगा.

    ReplyDelete
  7. ये लो जी ई बडका बडका सब लोग बोलते काहे नही हैं जी? का कोनू उल्टा पुल्टा बात है का? कुछ बोलिये ना आप भी.

    ReplyDelete
  8. बेशक आप लाइन में सबसे आगे हैं अपने क्षेत्र में !

    ReplyDelete
  9. इतनी प्रशंसा पाने के अधिकारी तो आप हैं ही .. बहुत बहुत बधाई ।

    ReplyDelete
  10. अरे आशीष जी, फ़ुरसतिया जी तो हमेशा फ़ुरसत मे रहते है तो उनकी बात का बुरा मानने की ज़रुरत नही है...वो क्या है काफ़ी दिनो बाद आपने तकनीक को छोडकर कुछ और लिखा तो उन्हे अजीब लगा इसलिये....


    आप बिन्दास लिखते रहो कोई परेशानी नही है...



    मैनें मेल किया है चेक कीजियेगा

    ReplyDelete
  11. आशीष् जी!
    हीरे की की परख तो जौहरी को ही होती है,
    परन्तु आप तो वो हीरे हैं जिसकी चाहत
    सभी ब्लॉगर्स को है।
    लेकिन आप सिर्फ हीरा ही नही,
    अपितु जौहरी भी हैं।

    ReplyDelete
  12. यह तो अच्छा ही है.

    ReplyDelete
  13. आप तो ऐसे न थे जी!!

    काहे बुरा मान रहे हो भाई इतनी सी बात का..ऐसा हम माने होते या फुरसतिया जी हमारी बात का माने होते, तो कब का ही दोनों का लिखना बंद हो जाता.

    कभी कभी मौज मजेदारी के साथ हँसते हँसाते चलते रहिये-इतना सिरियसली बात को लेने की कहाँ जरुरत है.

    फुरसतिया मौज तो जग जाहिर है ही, उसका बुरा लगाना भी बुरा ही माना जाता है.

    वैसे, मुझे लग रहा है कि यह भी आपने पलट मौज ही ली है तभी आखिर में :) स्माईली चैंप दी है..है न!!

    ReplyDelete
  14. बकौल फुरसतिया जी आप बन ही गए अमिताभ बच्‍चन। हम तो अब तक उसे ही अमिताभ बच्‍चन बनाते जिससे लिम्‍का का ढक्‍कन खुलवाना होता था। अमिताभ बच्‍चन बना हीरो काउंटर से सारी बोतलें उठाकर लाता और हमारे सामने चाबी से एक एक बोतल ऐसे खोलता जैसे कालिया में अमिताभ बच्‍चन ने लताई लात किया था। :)
    अब आप हैं कि खांम खां :)

    ReplyDelete
  15. बहुत खूब , अब हम जैसे नये लोग बड़े लोगो कि बातों मे क्या बोले.... । किसको क्या लिखना चाहिये किसको क्या नही लिखना चाहिये यह तो लेखक को ही विचार करना है ।

    ReplyDelete
  16. ई सब फ़ुरसतिया लोग आलतू-फ़ालतू की बात करते रहते हैं। आप तो जमाये रहो जी। दिये रहो टिप्स धांस के। वैसे उस वाले लेख में जो टिप्पणियां आईं उससे का मतलब फ़ाइनल किया गया ई भी बताया जाये। :)

    ReplyDelete
  17. आशीश जी बाकी बातों के बारे मे तो मैं कह नहीं सकती पर इतना जरूर जानती हूँ कि फुरसतिया जी ने जो आपको अमिताभ बच्चन जी समझा है तो बिलकुल आप ब्लोग जगत के अमिताभ हैं आपके कारण ही हम जैसे अनजान आज बलागिँग कर रहे हैं आपको बहुत बहित बधाई और आशीर्वाद मगर आपका परिचय अभी पूरा नहीं हुआ अमिताभ से आगे भी और कुछ है-----

    ReplyDelete
  18. लो बताओ जी अब आप तो अनूप शुक्ल जी की बातो को सीरयसली लेने गए...उनको तो खुद अनूप जी सीरयसली नहीं लेते...

    ReplyDelete
  19. भाई आप तो वाकई अमिताभ बच्चन निकले. और लगता है फ़ुरसतिया जी ने बिल्कुल सही समझा आपको.

    ऐसा कोई ब्लागर नही जिसकी मौज फ़ुरसतिया जी ने नही ली हो? और हमारी आज तक तमन्ना ही रह गई कि कब फ़ुरसतियाजी की मौज लेने का सौभाग्य मिले और आपने तो आते ही मौज ले डाली.

    भई वाह ..ये हुई अमिताभ बच्चन की दीवार वाली फ़िल्म. बहुत बढिया..

    रामराम.

    ReplyDelete
  20. आचार्य संजीव सलिल जी की ई-मेल के जरिए मिली टिप्पणी

    रैगिंग से डरिये नहीं, सहिये हँसकर मीत.
    रैगिंग करना नयों की, 'सलिल' सनातन रीत.

    आप दे सकें दीजिये, अधिक नयों को प्रीत.
    अपनी राह न छोडिये, जग जायेगा गीत.

    जो रुचता करते चलें, मंजिल लेंगे जीत.
    सीख रहे कई आपसे, सिखा निभाएं नीत.

    ReplyDelete
  21. हिन्दी चिट्ठाजगत में आपका स्वागत है:)

    ReplyDelete
  22. आप लाइन शुरु किजिये हम पीछे आते है...

    मतल्ब कि आप नये विजेट बनाये और हम उनका उपयोग करे..

    सही कहा अनुप जी ने..

    ReplyDelete
  23. ashish ji
    kisi ke man ke vicharon par koi rok thode laga sakta hai aur phir ek hi vishay par na jaane kab se duniya bhar mein chintan chal raha hai aur chalta rahega us par kisi ko copyright thode hai.........aap to bas likhte rahiye ......sabhi bloggers ko aapki bahut jaroorat hai.

    ReplyDelete
  24. mere lekh to bhai apne gaanw ke aur mere dimaag ki utpatang baten hain !!copy right ka koi prawadhaan ulanghan nahi hai!!

    ReplyDelete
  25. This comment has been removed by a blog administrator.

    ReplyDelete
  26. This comment has been removed by a blog administrator.

    ReplyDelete
  27. This comment has been removed by a blog administrator.

    ReplyDelete
  28. क्या आशीष आप भी ना समझते ही नहीं , ब्लॉग
    जगत के मठा धीशो को अधिकार हैं किसी को भी
    कुछ भी कहने का . और फिर देखिये ग्रुप कितना
    तगडा हैं सब एक तरफ से कहेगे बुरा ना मानो
    वो तो हैं ही ऐसे ही . आप अपने दायरे से निकले
    और वहाँ इन्सेकुरिटी हो गयी की अरे अब ये भी
    लिखे गा इन विषयों पर अभी तक तो वो किसी
    एक से जिसका नाम नहीं लिया के प्रश्नों से
    दुखी थे . अब आप भी ??

    ReplyDelete
  29. This comment has been removed by a blog administrator.

    ReplyDelete
  30. This comment has been removed by a blog administrator.

    ReplyDelete
  31. MUMBAI TIGER मुम्बई टाईगर said...
    This post has been removed by a blog administrator.
    आशिषभाई क्या हुआ ? मेरे टिपण्णी आपने निकाली क्यो ?

    ReplyDelete
  32. बधाई हो आशीष जी

    ReplyDelete
  33. गुरुदेव
    इससे अच्छा परिचय भला क्या हो सकता है !
    "आज खुश तो बहुत होगे"

    इधर जिस तरह आप ट्रैक से हटकर धमाल मचाल रहे हैं ... उससे काई धुरंधरों की नींद उड़ी हुई है ! जिस स्क्रिप्ट पर आप हाथ रख देते हैं .. वही सुपर हिट हो जाती है !

    मेरे लिए तो आप ही अमिताभ हो, आप ही आमिर !

    आपके सिखाए विजेट से ना खेलता तो ब्लागिंग का चस्का भी नहीं पड़ता !

    मैने भी आपको बहुत तंग किया है गुरुदेव !

    ReplyDelete
  34. Bahut bahut badhai apko ki apka profile pura ho gaya...

    ReplyDelete
  35. भाई, अब जैसे अमिताभ को देख - देख कर ही कईयों ने एक्टिंग सिख ली; हम सभी ने भी तो ब्लॉग्गिंग के कई ट्रिक्स आप ही से सीखे है. तो ब्लॉग जगत के अमिताभ तो आप हैं हीं.:-)
    हाँ, इसी बहाने आपके अधूरी प्रोफाइल थोड़ी मुकम्मल जरुर हो गई. वैसे कुछ डीलीटेड कमेंट्स कहानी में ट्विस्ट का अहसास क्यों दे रहे हैं !

    ReplyDelete
  36. फुरसतिया जी ने तो केवल नामकरण किया है वैसे अपने काम से तो आप है ही अमिताभ, हर ब्लॉग हिट............और ये तो वाला तो सुपर हिट ............बधाई हो गुरुदेव.

    ReplyDelete
  37. @ MUMBAI TIGER जी
    आपकी टिप्पणी निकालने की वजह सिर्फ़ इतनी सी रही कि मुझे अंदेशा था कि इसके बाद यहां टिप्पणियों का अंबार लग जाता और यहां एक ही पोस्ट पर सर्वाधिक टिप्पणियों का कीर्तिमान बन जाता। आपकी टिप्पणी से मुझे कोई शिकायत नहीं थी, हां इसके प्रभाव को लेकर मैं आशंकित जरूर था। उम्मीद है कि आप मेरी इस सदाशयता को समझेंगे।

    @ Abhishek Mishra जी,

    डीलीटेड कमेंट्स से कहानी में ट्विस्ट नहीं भूचाल आया था :)

    ReplyDelete
  38. HAATH KANGAN KO AARSI KYA.......

    AUR PADHE LIKHE KO FARSI KYA....

    ReplyDelete
  39. आशीष जी , कुछ तो लोग कहेंगे लोगो का काम ही है कहना
    अब जब आपको अमिताभ बच्चन बना ही दिया गया है तो सभी लोग जानते भी होंगे के अमिताभ बच्चन को आल इंडिया रेडियो ने यह कहकर नकार दिया था के आपकी आवाज़ अच्छी नहीं है ,बाद में वही आवाज़ अमित जी के पहचान बनी
    मैं आपको दुष्यंत कुमार की एक कविता समर्पित करना कहूँगा जो आपको प्रोत्साहित भी करेगी इसी तरह ब्लॉग्गिंग करने के लिए


    इस नदी की धार में ठंडी हवा आती तो है,
    नाव जर्जर ही सही, लहरों से टकराती तो है

    एक चिनगारी कही से ढूँढ लाओ दोस्तों,
    इस दिए में तेल से भीगी हुई बाती तो है

    एक खंडहर के हृदय-सी, एक जंगली फूल-सी,
    आदमी की पीर गूंगी ही सही, गाती तो है

    एक चादर साँझ ने सारे नगर पर डाल दी,
    यह अंधेरे की सड़क उस भोर तक जाती तो है

    निर्वचन मैदान में लेटी हुई है जो नदी,
    पत्थरों से, ओट में जा-जाके बतियाती तो है

    दुख नहीं कोई कि अब उपलब्धियों के नाम पर,
    और कुछ हो या न हो, आकाश-सी छाती तो है !!



    amiT jaiN

    ReplyDelete
  40. कुछ अधिक नहीं - ’अ’मतलब अमिताभ, ’अ’ मतलब आशीष ।
    रचना जी की टिप्पणी मैंने मन से पढ़ी ।

    ReplyDelete
  41. This comment has been removed by a blog administrator.

    ReplyDelete
  42. आशीष जी , बहुत खूब आप तो वास्तव में अ से अमिताभ ही निकले । देखो तो कद में भले ही लंबू ना हों किंतु ब्लॉगिंग में आप बडे लंबे निकल गए हैं । तभी तो एक ही पोस्ट के लिए इतनी सारी टिप्प्णीयां शायद ही किसी और ब्लॉगर को मिली होंगी ? हां रही बात फुरसतियाजी की सो वो तो ब्लॉगर जगत के गुरू सरीखे हैं । सही मायने मैं फुरसतियाजी ने जिस ब्लॉग के लिए ट्प्प्णी कर दी तो समझ लो कि वो ब्लॉग खुद ब खुद ब्लॉग की दुनिया में फ़ेमस हो गया ।
    बहरहाल आपके द्वारा दी गई जानकारियां व आपका लेखन लाज्बाव है
    शशि सिंघल
    www.meraashiyana.blogspot.com

    ReplyDelete
  43. आशीष जी , बहुत खूब आप तो वास्तव में अ से अमिताभ ही निकले । देखो तो कद में भले ही लंबू ना हों किंतु ब्लॉगिंग में आप बडे लंबे निकल गए हैं । तभी तो एक ही पोस्ट के लिए इतनी सारी टिप्प्णीयां शायद ही किसी और ब्लॉगर को मिली होंगी ? हां रही बात फुरसतियाजी की सो वो तो ब्लॉगर जगत के गुरू सरीखे हैं । सही मायने मैं फुरसतियाजी ने जिस ब्लॉग के लिए ट्प्प्णी कर दी तो समझ लो कि वो ब्लॉग खुद ब खुद ब्लॉग की दुनिया में फ़ेमस हो गया ।
    बहरहाल आपके द्वारा दी गई जानकारियां व आपका लेखन लाज्बाव है
    शशि सिंघल
    www.meraashiyana.blogspot.com

    ReplyDelete
  44. hum kabhi raste nahin dhundhte blaki raste humen dhundhte hain

    ReplyDelete
  45. bahoot hi gyanvardhak ,rochak jankari jiska bharpur upyog kiya ja sakta hai

    ReplyDelete